चीन ने भारत के खिलाफ बॉर्डर पर तैयार किया मिसाइल साइट, सिक्किम और पूर्वी राज्यों से लगे सीमा पर बनाया एयरबेस
By अनुराग आनंद | Published: November 20, 2020 08:57 AM2020-11-20T08:57:21+5:302020-11-20T09:01:44+5:30
सैन्य अधिकारियों ने यह भी कहा है कि गार्सा हवाई अड्डे के पास डेमचोक एलएसी से करीब 82 किमी दूर चीन की तरफ शिंकन में चीनी सेना ने भारी संख्या में सैनिकों और भारी उपकरणों को इकट्ठा किया है।
नई दिल्ली: एलएसी पर भारत व चीनी सेना के बीच जारी तनाव के बीच तनाव को कम करने के लिए सैन्य अधिकारिक स्तर पर बातचीत की प्रक्रिया शुरू है। लेकिन, इस बीच खबर है कि चीन ने केंद्रीय सिक्किम और पूर्वी राज्यों से सटे सीमा पर सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल साइटों को मजबूत करने के साथ ही बड़े पैमाने पर सैन्य ढांचे का विस्तार किया है।
यही नहीं एचटी रिपोर्ट ने इस बात का खुलासा किया है कि एलएसी पर पूर्वी लद्दाख से सटे क्षेत्र में जारी तनाव के बीच चीन ने भारत से लगे पूर्वी राज्यों की तरफ मानव रहित हवाई विमानों की संख्या में वृद्धि करने के साथ ही तिब्बत में एयरबेस का भी विस्तार किया है।
इसके अलावा, इस क्षेत्र में चीन ने बड़े सैन्य बुनियादी ढांचे के को बेहतर बनाने का काम किया है। इस मामले के जानकारों की मानें तो पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और भारत के साथ तनावपूर्ण स्थिति के कारण बीजिंग की शत्रुतापूर्ण चालों पर ने विशेषज्ञों का ध्यान अपनी ओर केंद्रित किया है।
एक तरफ जहां पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना के पीछे हटने को लेकर तैयार होने पर दोनों देशों की सेना के बीच तनाव कम होने की संभावना है। वहीं, हिमाचल प्रदेश के कौरिक पास और अरुणाचल प्रदेश के फिश-1 और फिश-2 के पास चीनी सेना द्वारा तैयार किए गए मिसाइल साइट व सैन्य ठिकाने को देखकर भारतीय सेना के लिए चिंता बढ़ना जरूरी है।
इस मामले में जानकारी देते हुए सेना के अधिकारी और सुरक्षा विशेषज्ञ ने कहा कि पिछले करीब एक माह से चीनी सेना को कौरिक पास से सटे गांव के पास रोड बनाते हुए देखा गया है। इसके अलावा, चीनी सेना को नया कंटेनर हाउस बनाते हुए तंजुम ला में देखा गया है।
सैन्य अधिकारियों ने यह भी कहा है कि गार्सा हवाई अड्डे के पास डेमचोक एलएसी से करीब 82 किमी दूर चीन की तरफ शिंकन में चीनी सेना ने भारी संख्या में सैनिकों और भारी उपकरणों को इकट्ठा किया है। भारतीय सैन्य अधिकारी ने कहा कि शिंकाने में चीनी सेना ने इस तरह से तैयारी की है कि यहां से डेमचोक से लेकर बाराहोती मैदानों तक मुख्य रसद व हथियार के सप्लाई में इस डिपो का इस्तेमाल किसी भी विषम परिस्थिति में किया जा सकता है।