चीन ने बांग्लादेश को कोविड-19 रोधी टीके की पांच लाख खुराक दी
By भाषा | Published: May 12, 2021 06:59 PM2021-05-12T18:59:22+5:302021-05-12T18:59:22+5:30
ढाका, 12 मई चीन ने कोविड-19 रोधी टीकों की कमी का सामना कर रहे बांग्लादेश की मदद करने के लिए बुधवार को उसे ‘सिनोफार्म’ की 5,00,000 खुराक दी है।
चीन से टीका लेकर बांग्लादेश के विमान के ढाका पहुंचने के बाद बांग्लादेश में चीन के राजदूत ली जिमिंग ने विदेश मंत्री अब्दुल मोमेन और स्वास्थ्य मंत्री जाहिद मालेक को टीके सौंपे।
मोमेन ने कहा कि बांग्लादेश व्यावसायिक आधार पर चीन से चार से पांच करोड़ टीके की खुराक खरीदना चाहता है।
उन्होंने बांग्लादेश में चीनी टीके के सह-उत्पादन का प्रबंध करने का प्रस्ताव दिया और कहा कि यह दोनों देशों के लिए ‘‘जीत’’ की स्थिति है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास टीका उत्पादन की क्षमता है और हम उनकी (चीनी) सहायता से इसे कर सकते हैं...अगर वे सहमत होते हैं तो हम साथ मिलकर टीका उत्पादन कर सकते हैं।’’
मालेक ने कहा कि उनके कार्यालय ने व्यावसायिक आधार पर टीका खरीदने के लिए चीन को रूचि पत्र भेजा है।
चीन के राजदूत ली ने कहा कि यह उपहार चीन-बांग्लादेश के महामारी रोधी सहयोग की अभिव्यक्ति है।
बांग्लादेश की आबादी 16 करोड़ है और भारत से ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के टीकों के निर्यात पर प्रतिबंध के बाद से वहां टीकों की भारी कमी आ गई है।
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 रोधी टीकों का निर्माण ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ द्वारा किया जा रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के ‘सिनोफार्म’ के टीके के विश्वस्तर पर आपात इस्तेमाल को मंजूरी देने के बाद बांग्लादेश ने भी चीन के टीके को मंजूरी दे दी थी।
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने कहा कि वे उन लोगों को सिनोफार्म का टीका देना शुरू कर देंगे जिन्होंने पहली खुराक के लिए पंजीकरण कराया है।
बांग्लादेश में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण कार्यक्रम सात फरवरी को ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका कोविड-19 टीके के साथ शुरू हुआ था।
भारत ने बांग्लादेश को उपहार स्वरूप 32 लाख टीके की खुराक मुहैया कराई थी।
बहरहाल, टीके की कमी को देखते हुए टीकाकरण के लिए पंजीकरण पांच मई को स्थगित कर दिया गया।
बांग्लादेश ने टीके की तीन करोड़ खुराक खरीदी और एक समझौते के तहत उसे फरवरी तक दो खेप में 70 लाख टीके प्राप्त हुए, जबकि मार्च में पहुंचने वाली तीसरी खेप अभी तक उसे प्राप्त नहीं हुयी है, जिसके बाद वह वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए बाध्य हुआ है।
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