चीन में बनी कोरोना की वैक्सीन पर नया शोध, नतीजे दुनिया को चिंतित करने वाले, जानें पूरा मामला

By विनीत कुमार | Updated: December 15, 2021 15:34 IST2021-12-15T15:34:18+5:302021-12-15T15:34:18+5:30

चीन में बना कोविड टीका 'कोरोनावैक' ओमीक्रोन वेरिएंट के खिलाफ बेहद कमजोर है। इसका खुलासा एक शोध में हुआ है।

China covid vaccive Coronavac dont proveide sufficient antibodies against omicron says survey | चीन में बनी कोरोना की वैक्सीन पर नया शोध, नतीजे दुनिया को चिंतित करने वाले, जानें पूरा मामला

प्रतीकात्मक तस्वीर

हांगकांग: चीन के सिनोवैक बायोटेक लिमिटेड द्वारा बनाया गया कोविड टीका 'कोरोनावैक' ओमीक्रोन वेरिएंट को बेअसर करने के लिए पर्याप्त एंटीबॉडी तैयार नहीं करता है। हांगकांग के शोधकर्ताओं के कुछ शरुआती शोध में ये बात सामने आई है।

शोध में सामने आए नतीजे दुनिया भर के उन लाखों लोगों और सहित कई देशों के लिए भी चिंता का सबब बन सकते हैं, जहां इस चीनी वैक्सीन का इस्तेमाल किया गया।

शोध में खुलासा- किसी में नहीं बनी पर्याप्त एंटीबॉडी

हांगकांग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीम की ओर से मंगलवार देर रात जारी बयान में बताया गया कि 25 लोगों के ग्रुप को सिनोवैक की कोविड वैक्सीन- 'कोरोनावैक' दी गई। इसमें से किसी में उनके ब्लड सीरम में पर्याप्त एंटीबॉडी नहीं मिली जो ओमीक्रोन वेरिएंट को बेअसर कर सके।

शोधर्ताओं के अनुसार फाइजर इंक और बायोएनटेक एसई द्वारा विकसित आरएनए शॉट को भी 25 लोगों के एक अलग समूह को दिया गया था, इसमें से पांच में नए वेरिएंट के खिलाफ एंटीबॉडी नजर आई। 

हांगकांग विश्वविद्यालय में संक्रामक रोगों पर जानकारी रखने वाले सम्मानित प्रोफेसर क्वोक-युंग यूएन के नेतृत्व में हुए 50 लोगों के अध्ययन को मेडिकल जर्नल 'क्लिनिकल इन्फेक्सियस डिजिजेज' में प्रकाशन के लिए स्वीकार किया गया है। यह प्री-प्रिंट के रूप में ऑनलाइन भी उपलब्ध है।

दुनिया के अरबों लोगों को लग चुका है चीनी टीका

सिनोवैक के डोज ओमीक्रोन पर कितने प्रभावी हैं, इस बारे में हालांकि अभी भी बहुत कुछ जानकारी नहीं है। इसमें जिसमें टी कोशिकाएं, वायरस से संक्रमित कोशिकाओं के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली आदि विष शामिल हैं। इसके बावजूद शुरुआती निष्कर्ष दुनिया के उन करीब 2.3 अरब लोगों के लिए एक झटका है जिन्होंने कोरोनावैक की खुराक ली है। 

इसका इस्तेमाल ज्यादातर चीन और विकासशील दुनिया में हुआ। वैक्सीन का कमजोर साबित होना इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि हाल में जापान के एक अध्ययन में ये बात सामने आई कि ओमीक्रोन वेरिएंट डेल्टा से कम चार गुना ज्यादा तेजी से फैल सकता है। ऐसे में इन तमाम लोगों को फिर से वैक्सीन देना दुनिया के महामारी को पीछे छोड़ आगे निकलने की मुहिम को बड़ा झटका होगा।

बताते चलें की चीन में ओमीक्रोन के अभी तक दो मामले सामने आए हैं। इसमें एक शख्स विदेश से लौटने के दो हफ्ते बाद संक्रमित मिला।

Web Title: China covid vaccive Coronavac dont proveide sufficient antibodies against omicron says survey

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