गोटबाया राजपक्षे का इस्तीफा स्वीकार होने पर कोलंबो की सड़कों पर मना जश्न, प्रदर्शनकारियों ने किया सेलिब्रेट
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 15, 2022 03:10 PM2022-07-15T15:10:58+5:302022-07-15T15:20:10+5:30
तमिल विद्रोह को दबाने और एलटीटीई के विद्रोह के खात्मे से देश में हीरो की तरह उभरे राजपक्षे परिवार को आज के दौर में श्रीलंका की जनता आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार मान रही है।
कोलंबो:श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे का इस्तीफा स्वीकार होने पर राजधानी कोलंबो की सड़कों पर प्रदर्शकारियों ने जमकर जश्न मनाया ओर राजपक्षे के खिलाफ नारेबाजी की।
तमिल विद्रोह को दबाने और एलटीटीई के विद्रोह के खात्मे से देश में हीरो की तरह उभरे राजपक्षे परिवार ने श्रीलंका में अभेद्य राजनीतिक किलेबंदी कर ली थी और इस कारण श्रीलंका में आजादी के बाद से प्रभावी भंडारनायके परिवार को राजनैतिक पर हाशिये से धकेल दिया था।
राजपक्षे परिवार का प्रभुत्व श्रीलंका में इस कदर हावी हुआ कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री, सिंचाई मंत्री जैसे लगभग-लगभग सभी महत्वपूर्ण मत्रालय इसी परिवार के अधीन थे।
लेकिन इसी की नतीजा रहा कि इस परिवार ने अपने मनमाने फैसलों से श्रीलंका की आर्थिक स्थिति को इस कदर चोट पहुंचाई की, समुद्री देश श्रीलंका आज के दौर में कटोरा लेकर विश्व समुदाय के सामने खड़ा है।
संकट के दौर में देश को छोड़कर भागने वाले गोटबाया हिंसक प्रदर्शनकारियों से अपनी जान बचाने के लिए श्रीलंका से पहले मालदीव्स और फिर अब सिंगापुर पहुच चुके हैं। पूर्व प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे पहले ही देश छोड़ चुके हैं।
इधर श्रीलंकाई संसद के स्पीकर ने गोटबाया राजपक्षे का राष्ट्रपति पद से इस्तीफा कर लिया है और इस फैसले का असर यह हुआ कि देश की सरकारी भवनों पर कब्जा कर चुके प्रदर्शनकारियों ने उन जगहों को खाली करना शुरू कर दिया है।
गुरुवार की रात देश का जनता ने राजपक्षे का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद राजधानी कोलंबो की सड़कों पर जमकर जश्न मनाया। कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शनकारी जनता ने राजपक्षे के इस्तीफे की खबर सुनने के खूब आतिशबाजी छोड़ी। राजपक्षे परिवार के खिलाफ नारेबाजी कर रही जनता ने सड़कों पर जमकर डांस किया।
इस दौरान कुछ लोग मौजूदा सियासी दलों से देश के लिए बेहतर शासन की मांग करते नजर आए। प्रदर्शनकारी देश में आए आर्थिक संकट के लिए राजपक्षे परिवार को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहरा रहे थे।
पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे द्वारा सऊदी एयरलाइन की एक उड़ान मालदीव से सिंगापुर पहुंचे। वहीं इस मामले में सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने राजपक्षे परिवार की सिंगापुर में मौजूदगी की पुष्टि करते हुए कहा कि राजपक्षे परिवार ने अभी तक राजनैतिक शरण के लिए अनुरोध नहीं किया है।
वहीं दूसरी ओर श्रीलंका में पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे ने इस्तीफा देते समय प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे को कार्रकारी राष्ट्रपति बनाया था। जिसके कारण श्रीलंकाई जनता बेहद नाराज है। प्रदर्शनकारी विक्रमसिंघे का भी प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा चाहते हैं।
श्रीलंकाई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गोटबाया राजपक्षे द्वारा राष्ट्रपति पद पर इस्तीफे के बाद रनिल विक्रमसिंघे, प्रमुख विपक्षी एसजेबी पार्टी के सजित प्रेमदास और वरिष्ठ सांसद डलास अलापेरुमा राष्ट्रपति पद की रेस में हैं।