कनाडा: अहमदिया धर्मगुरु चाइल्ड पोर्नोग्राफी में हुए गिरफ्तार, अमेरिका में पांच मासूम बच्चों की पोर्न फिल्म बनाने में थे शामिल
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 22, 2022 04:42 PM2022-07-22T16:42:04+5:302022-07-22T16:50:52+5:30
कनाडा के जामिया अहमदिया से शिक्षा लेने वाले अहमदिया धर्मगुरु मोहम्मद लुकमान राणा को अमेरिका में चाइल्ड पोर्नोग्राफी बनाने वालों की सहायता की और पीड़ितों को धमकाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
टोरंटो: इस्लाम धर्म की प्रमुख शाखा अहमदिया के एक धर्मगुरु को चाइल्ड पोर्नोग्राफी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार हुए मोहम्मद लुकमान राणा टोरंटो में अहमदिया मिशनरी चलाते थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका में चाइल्ड पोर्नोग्राफी बनाने वालों की सहायता की और पीड़ितों को धमकाने का काम किया है।
खबरों के मुताबिक 32 साल के मोहम्मद लुकमान राणा पर पांच बच्चों की पोर्नोग्राफी फिल्म बनाने और अमेरिका में उन बच्चों को बदनाम करके जबरन वसूली करने सहित कुल 10 आरोपों में गिरफ्तार किया गया है। बताया जा रहा है कि अगर राणा पर सभी आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो उन्हें बतौर सजा अमेरिका की फेडरल जेल में कम से कम 15 साल और अधिक से अधिक 160 साल गुजारने पड़ सकते हैं।
इस मामले में जानकारी देते हुए अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट का आरोप लगाया है कि लुकमान राणा ने मैरीलैंड, ओक्लाहोमा, विस्कॉन्सिन, वाशिंगटन और न्यूयॉर्क में रहने वाले पांच नाबालिग पीड़ितों की पोर्नोग्राफी फिल्म तैयार करने में मदद की और पीड़ितों को बदनाम करके उनसे जबरन वसूली की कोशिश की।
जस्टिस डिपार्टमेंट के मुताबिक आरोपी मोहम्मद लुकमान राणा जमात-ए-अहमदिया के कनाडा मुख्यालय में रहते हैं। जस्टिस डिपार्टमेंट का कहना है कि आरोपी राणा जून 2014 और जून 2016 के बीच बच्चों की बनी पोर्नोग्राफी में मददगार थे। उस दौरान वो कनाडा के जामिया अहमदिया द्वारा संचालित सात साल के मिशनरी कोर्स के अंतिम वर्ष की तालीम ले रहे थे।
अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने आरोपी राणा की गिरफ्तारी और अमेरिका में उनके प्रत्यर्पण के लिए कनाडा की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया। इस मामले में जांच एफबीआई और टोरंटो पुलिस सेवा संयुक्त रूप से कर रही हैं।
राणा के बारे में अब तक जो जानकारी सामने आयी है, उसके मुताबिक राणा साल 2015 में जामिया अहमदिया से मिशनरी में ग्रेजुएशन किया है। इस बात की जानकारी स्वयं जामिया अहमदिया कनाडा ने अपने न्यूजलेटर द वेस्टर्न होराइजन के जून-जुलाई 2015 अंक में दिया है।
अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने राणा की गिरफ्तारी के बाग उन्हें बाल्टीमोर स्थित अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के मजिस्ट्रेटए डेविड कॉपरथाइट के सामने पेश किया गया और कोर्ट के सामने राणा से संबंधित आरोपों के उन दस्तावेजों को पेश किया गया, जिन्हें 26 जनवरी 2022 को सील किया गया था, जब राणा इस मामले में पहली बार पेश हुए थे।
कोर्ट को सौंपे गये दस्तावेजों के मुताबिक राणा को टोरंटो पुलिस ने कथित तौर पर 24 मार्च 2017 को एक किशोर लड़की को अपनी नग्न तस्वीरें और वीडियो भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
वहीं इस मामले में कनाडा की अहमदिया शाखा का कहना है कि राणा को 2017 में उनकी गिरफ्तारी के बाद ही जमात से बाहर किया गया था, लेकिन बाद में उसे बहाल कर दिया गया और मिसिसॉगा स्थित अहमदिया पूजा स्थल पर धार्मिक कार्य दिया गया था।
मालूम हो कि कनाडा की जामिया अहमदिया भारत, पाकिस्तान, इंग्लैंड, घाना, जर्मनी, बांग्लादेश और इंडोनेशिया सहित विश्व के तमाम देशों में चलने वाले अहमदिया मदरसों के लिए अहमदिया धर्मगुरुओं को तैयार करता है।