कोविड-19 के नये मामलों के बीच बाइडन के समर्थन आधार में गिरावट देखी गयी: एपी-एनओआरसी पोल
By भाषा | Updated: August 21, 2021 20:55 IST2021-08-21T20:55:51+5:302021-08-21T20:55:51+5:30

कोविड-19 के नये मामलों के बीच बाइडन के समर्थन आधार में गिरावट देखी गयी: एपी-एनओआरसी पोल
वाशिंगटन, 21 अगस्त (एपी) अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में प्रदर्शन को लेकर जो बाइडन की रेटिंग घटी है। कोरोना वायरस महामारी से निपटने को लेकर बाइडन के प्रति सकारात्मक विचार रखने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है। द एसोसिएटेड प्रेस-एनओआरसी सेंटर फॉर पब्लिक अफेयर्स रिसर्च के नए सर्वेक्षण के मुताबिक बाइडन के प्रदर्शन से 54 फीसदी अमेरिकी लोग संतुष्ट हैं और यह आंकड़ा पिछले महीने के 59 फीसदी के मुकाबले कम है। राष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल के पहले वर्ष में यह एक अच्छी रेटिंग है, वहीं खासकर देश में गहरे राजनीतिक ध्रुवीकरण को देखते हुए जो बाइडन के लिए चिंता की बात है क्योंकि वह घरेलू स्तर पर और विदेश नीति की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। राष्ट्रपति द्वारा महामारी से निपटना सर्वेक्षण के केंद्र में है, बाइडन के लिए चिंता का यही सबसे बड़ा विषय है। पिछले महीने लोक स्वास्थ्य संकट के प्रबंधन से 66 फीसदी अमेरिकी संतुष्ट हैं लेकिन रिपब्लिकन और निर्दलियों के प्रति समर्थन में गिरावट आने से अब यह 54 फीसदी है। बाइडन के प्रति समर्थन में गिरावट ऐसे समय आई है जब अफगानिस्तान में अमेरिकी बलों की वापसी के बीच हालात बदतर होते जा रहे हैं और देश पर तालिबान का कब्जा मजबूत होता जा रहा है। यह सर्वेक्षण 12 से 16 अगस्त के बीच किया गया, जब तालिबान के काबुल में प्रवेश के बारे में अमेरिका में खूब खबरें आ रही थीं। यह दिखाता है कि अमेरिका के लोग बाइडन द्वारा विदेश नीति को संभालने को लेकर बंटे हुए हैं। 47 फीसदी इससे संतुष्ट हैं, 51 फीसदी असंतुष्ट। इसी तरह राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में 52 प्रतिशत लोगों ने संतोष जताया, वहीं 46 प्रतिशत ने नामंजूरी जताई। बाइडन के सलाहकारों का मानना है कि उनकी लोकप्रियता वैश्विक महामारी से निपटने को लेकर बढ़ेगी या घटेगी। सर्वेक्षण बताता है कि 49 फीसदी लोग अर्थव्यवस्था को संभालने को लेकर बाइडन से संतुष्ट हैं जबकि 49 फीसदी असंतुष्ट। अप्रैल में संतुष्ट लोगों की संख्या 57 फीसदी थी। व्हाइट हाउस को उम्मीद है कि समर्थन में इस गिरावट से कुछ ऐसे विधेयकों को पारित किया जाएगा, जिनसे बुनियादी संरचना की परियोजनाओं के लिए अर्थव्यवस्था में धन का निवेश होगा और स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र में भी धन लगाया जाएगा।
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