बाइडन ने अफगानिस्तान से सैनिकों की पूर्ण वापसी की घोषणा की

By भाषा | Published: April 15, 2021 10:54 AM2021-04-15T10:54:53+5:302021-04-15T10:54:53+5:30

Biden announces full withdrawal of troops from Afghanistan | बाइडन ने अफगानिस्तान से सैनिकों की पूर्ण वापसी की घोषणा की

बाइडन ने अफगानिस्तान से सैनिकों की पूर्ण वापसी की घोषणा की

(ललित के झा)

वाशिंगटन, 15 अप्रैल अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की है कि इस साल 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से सभी अमेरिकी सैनिकों को वापस बुला लिया जायेगा।

व्हाइट हाउस से बुधवार को टेलीविजन के माध्यम से संबोधित कर रहे बाइडन ने कहा , ‘‘11 सितंबर (2001) की घटना के 20 साल पूरे होने से पहले अमेरिकी सैनिकों के साथ नाटो (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) के देशों और अन्य सहयोगी देशों के सैनिक भी अफगानिस्तान से वापस आयेंगे।’’

इसके बाद बाइडन ने आर्लिंगटन नेशनल सिमेट्री (सैन्य स्मारक) जाकर, अफगानिस्तान युद्ध में जान गंवाने वाले अमेरिकी सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। न्यूयॉर्क में 11 सितंबर को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकवादी हमले के बाद, 2001 में ही अफगानिस्तान में अल कायदा के आतंकवादियों के खिलाफ जंग शुरू हुई थी।

सैन्य स्मारक पर एक सवाल के जवाब में बाइडन ने कहा कि सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला कोई कड़ा निर्णय नहीं है।

राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में बाइडन ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ उनका प्रशासन हमेशा सतर्क और सचेत रहेगा।

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में शांति और भविष्य में स्थिरता के लिए भारत, पाकिस्तान, रूस, चीन और तुर्की की अहम भूमिका है। युद्धग्रस्त देश में शांति बनाये रखने में इन देशों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

अपने संबोधन में बाइडन ने कहा, ‘‘हम लोग क्षेत्र में अन्य देशों से अफगानिस्तान के समर्थन में और अधिक सहयोग के लिए कहेंगे। विशेषकर पाकिस्तान, रूस, चीन, भारत और तुर्की से क्योंकि इन सभी देशों की अफगानिस्तान के स्थिर भविष्य में अहम भूमिका है।’’

हालांकि विशेषज्ञों ने अमेरिका और नाटो के सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस बुलाये जाने के फैसले पर चिंता जताते हुए कहा है कि क्षेत्र में तालिबान का फिर से पांव पसारना और अफगानिस्तान की जमीन को आतंकवादियों द्वारा पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल किया जाना भारत के लिए चिंता का विषय होगा।

पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन में राष्ट्रपति की उपसलाहकार और 2017-2021 के लिए दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों में एनएससी की वरिष्ठ निदेशक रहीं लीज़ा कर्टिस ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाये जाने से क्षेत्र के देश, खासकर भारत देश में तालिबान के फिर से उभरने को लेकर चिंता होगी।’’

कर्टिस वर्तमान में सेंटर फॉर न्यू अमेरिकन सिक्योरिटी (सीएनएएस) थिंक-टैंक में हिंद-प्रशांत सुरक्षा कार्यक्रम की सीनियर फेलो और निदेशक हैं।

अमेरिका के लिए पाकिस्तान के पूर्व राजदूत और वर्तमान में हडसन इंस्टीट्यूट थिंक-टैंक में निदेशक हुसैन हक्कानी ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘तालिबान के कब्जे वाले क्षेत्र के फिर से आतंकवादियों के लिए पनाहगाह बनने से भारत चिंतित होगा।’’

उन्होंने कहा कि वास्तविक सवाल यह है कि क्या सैनिकों को वापस बुलाये जाने के बाद भी अमेरिका अफगानिस्तान सरकार को मदद जारी रखेगा ताकि वहां के लोग तालिबान का मुकाबला करने में सक्षम हों।

तालिबान ने अब तक शांति प्रक्रिया में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है और दोहा में हुई वार्ताओं में उसने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की बात को ही दोहराया है।

वाशिंगटन पोस्ट ने अपने संपादकीय में कहा है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की बाइडन की योजना क्षेत्र के लिए घातक हो सकती है।

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Web Title: Biden announces full withdrawal of troops from Afghanistan

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