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बांग्लादेश: ‘हिंदूओं के सभी धार्मिक ग्रंथ है अश्लील…’ शेख हसीना की सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों ने अल्पसंख्यकों पर बोला हमला, कही यह बात

By आजाद खान | Updated: January 12, 2023 14:50 IST

आपको बता दें कि बांग्लादेश में अगले साल चुनाव होने वाले है, ऐसे में विपक्षी दल ऐसे बयान देकर वहां रह रहे हिंदू अल्पसंख्यकों को टारगेट कर रही है।

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ठळक मुद्देबांग्लादेश के विपक्षी दलों ने वहां रह रहे हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमला बोला है। ऐसे में एक विपक्षी दल के नेता ने कथित तौर पर हिंदूओं के सभी धार्मिक ग्रंथ को अश्लील बताया है। आपको बता दें कि विपक्षी दल हिंदू अल्पसंख्यकों के बहाने शेख हसीना की सरकार पर हमला बोल रहे है।

ढाका:बांग्लादेश गोनो अधिकार परिषद के संयुक्त संयोजक के मुख्य सहयोगी तारिक रहमान ने हिंदुओं अल्पसंख्यकों के ग्रंथ को लेकर एक विवादित बयान दिया है। दावे के अनुसार तारिक रहमान ने कहा है कि हिंदू धर्म के ग्रंथ कोई नैतिक शिक्षा नहीं देते है और ये ग्रंथ अश्लील है। 

आपको बता दें कि तारिक रहमान नुरुल हक नूर का शीर्ष सहयोगी है। रिपोर्ट के अनुसार, यह वही नुरुल हक नूर है जिसे उग्रवादी संगठन जमात-ए-इस्लामी से समर्थन प्राप्त है। बताया जा रहा है कि तारिक रहमान ने यह बयान फेसबुक लाइव पर दिया है। 

क्या है पूरा मामला, तारिक रहमान ने क्या कहा

बताया जा रहा है कि बांग्लादेश में 2024 में चुनाव के मद्देनजर विपक्षी दल व उग्रवादी संगठन जमात-ए-इस्लामी और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। ऐसे में तारिक रहमान का भी एक बयान सामने आया है जिसमें वह हिंदुओं अल्पसंख्यकों को टारगेट करते नजर आ रहे है। 

दरअसल, तारिक रहमान ने फेसबुक लाइव पर कथित तौर पर हिंदुओं अल्पसंख्यकों पर निशाना साधा है और कहा है कि ‘हिंदू धर्म के ग्रंथ कोई नैतिक शिक्षा नहीं देते हैं। सभी धार्मिक ग्रंथ अश्लील हैं।’ ऐसे में यह वीडियो सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा चर्चा में लाया गया है जिसे लेकर काफी विवाद भी हो रहा है। 

शेख हसीना के धर्मनिरपेक्ष रुख के खिलाफ है बीएनपी

आपको बता दें कि बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार हिंदुओं अल्पसंख्यकों के धर्मनिरपेक्ष रुख रखती है। यही नहीं वह भारत के साथ भी अच्छे संबंध बनाए रखती है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह बात जमात-ए-इस्लामी के कुछ सहयोगी संगठनों को सही नहीं लगती है जिसके तहत वे इस तरह से बयान देकर हिंदुओं अल्पसंख्यकों और भारत पर निशाना साध रहे है। 

खबर के अनुसार, 1971 के बाद से ही बांग्लादेश में हिंदुओं अल्पसंख्यकों के प्रति नफरत की नजर और उनके साथ हिंसा की खबर सामने आने लगी थी। ऐसे में आज के दिन में भी इस तरह के संगठनों द्वारा हिंदुओं अल्पसंख्यकों पर निशाना साधा जाता है। 

टॅग्स :बांग्लादेशफेसबुकशेख हसीना
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