Bangladesh crisis: बांग्लादेश संकट का अंत होता नहीं दिख रहा है। शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के बाद भी हिंसा और अराजकता का दौर जारी है। बड़े पैमाने पर हुए उपद्रव के बाद शेख हसीना सरकार को सत्ता से बेदखल करने के कुछ दिनों बाद, मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन ने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। छात्र प्रदर्शनकारियों ने हसन सहित सभी न्यायाधीशों के इस्तीफे की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर रुख किया था। ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, शाम को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के साथ होने वाली बैठक के बाद वह अपना इस्तीफा सौंप देंगे।
ढाका ट्रिब्यून ने बताया है कि मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन ने शनिवार सुबह के लिए निर्धारित पूर्ण न्यायालय की बैठक को स्थगित कर दिया है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के दोनों डिवीजनों के सभी न्यायाधीशों को शामिल किया जाना था। बैठक का उद्देश्य वर्तमान स्थिति के बीच न्यायालय के संचालन और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करना था। बांग्लादेश के युवा एवं खेल मंत्रालय के सलाहकार आसिफ महमूद ने शनिवार को फेसबुक पर एक अल्टीमेटम पोस्ट कर मुख्य न्यायाधीश के तत्काल इस्तीफे की मांग की। अपनी पोस्ट में आसिफ महमूद ने कहा, "फासीवाद से पोषित और विभिन्न कुकृत्यों में शामिल सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने सरकार से कोई चर्चा किए बिना ही पूर्ण न्यायालय की बैठक बुलाई है। पराजित ताकतों द्वारा कोई भी साजिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। छात्र और वकील पहले ही विरोध में इकट्ठा होना शुरू कर चुके हैं।"
आसिफ महमूद ने कहा कि शेख हसीना के शासन के अंत के परिणामस्वरूप एक महीने से अधिक समय तक चले तीव्र विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 450 लोग मारे गए। बता दें कि 76 वर्षीय शेख हसीना जो एशिया के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले नेताओं में से एक हैं, ने लाखों प्रदर्शनकारियों के बढ़ते दबाव के कारण 5 अगस्त को इस्तीफा दे दिया और बांग्लादेश से भाग गईं।
इसके बाद बांग्लादेश ने नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार नियुक्त की है। संविधान के अनुसार, 90 दिनों के भीतर चुनाव होना चाहिए, लेकिन यूनुस, अंतरिम सरकार का समर्थन करने वाली सेना और राष्ट्रपति ने अभी तक चुनावों की किसी तिथि की घोषणा नहीं की है।