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अनुच्छेद 370ः भारत ने कहा- पाकिस्तान का एक ही काम कश्मीर पर दुनिया भर में झूठ पर झूठ बोलना

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 13, 2019 16:59 IST

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव संदीप कुमार बय्यापु ने कहा, ‘‘मेरे देश के बारे में निराधार और झूठी बातें फैलाने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा इस मंच का दुरुपयोग करने की यह एक अन्य कोशिश है। ऐसी कोशिशें पहले भी सफल नहीं हुईं और अब भी कामयाब नहीं होंगी।’’

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ठळक मुद्देलोधी ने कहा कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने का भारत का कदम ‘‘सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों का घोर उल्लंघन’’ है।सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट पर बय्यापु ने कहा, ‘‘परिषद वृहद सदस्यता की आकांक्षाओं और विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती।

पाकिस्तान को ‘‘आतंकवाद का केंद्र’’ करार देते हुए भारत ने सुरक्षा परिषद में कश्मीर का मुद्दा उठाने के लिए पड़ोसी देश को आड़े हाथ लिया और कहा कि इस्लामाबाद ने उसके बारे में ‘‘निराधार और मिथ्या’’ बातें फैलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के मंच का दुरुपयोग किया है।

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की दूत मलीहा लोधी ने शुक्रवार को 2018 के लिए सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट पर महासभा के सत्र के दौरान कश्मीर का मुद्दा उठाया तथा संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधान राज्य से हटाने के भारत के पांच अगस्त के फैसले का उल्लेख किया।

लोधी ने कहा कि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने का भारत का कदम ‘‘सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों का घोर उल्लंघन’’ है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद को भारत पर जम्मू कश्मीर से कर्फ्यू हटाने, संचार संबंधी अवरोध हटाने तथा नजरबंदियों को रिहा करने का दबाव बनाना चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव संदीप कुमार बय्यापु ने कहा, ‘‘मेरे देश के बारे में निराधार और झूठी बातें फैलाने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा इस मंच का दुरुपयोग करने की यह एक अन्य कोशिश है। ऐसी कोशिशें पहले भी सफल नहीं हुईं और अब भी कामयाब नहीं होंगी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘सच यह है कि यह प्रतिनिधिमंडल एक भौगोलिक जगह को दर्शाता है जिसे अब व्यापक तौर पर आतंकवाद के केंद्र के तौर पर जाना जाता है, जिसने हमारे क्षेत्र और उसके आगे निर्दोष जिंदगियों को खतरे में डाल दिया। हम इस तरह के निराधार दोषारोपण का जवाब भी नहीं देना चाहते।’’

सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट पर बय्यापु ने कहा, ‘‘परिषद वृहद सदस्यता की आकांक्षाओं और विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती। अधिकांश लोगों की तरह हम भी यह मानते हैं कि केवल उपाय ही सुरक्षा परिषद में व्यापक सुधार है।’’ उन्होंने कहा कि चूंकि संयुक्त राष्ट्र में प्रदर्शन का आकलन ही मुख्य फोकस है लेकिन सुरक्षा परिषद को अपनी विश्वसनीयता साबित करने और अपना प्रदर्शन सुधारने की भी जरूरत है।

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