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फ्रांसीसी राष्ट्रपति के बयान से नाराज अल्जीरिया ने उड़ाने रोकी, पेरिस से अपना राजदूत वापस बुलाया

By भाषा | Updated: October 3, 2021 21:20 IST

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अल्जीयर्स, तीन अक्टूबर फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो की टिप्पणी से नाराज अल्जीरिया ने अपने हवाई क्षेत्र से फ्रांसीसी सैन्य विमानों के उड़ानों पर रोक लगाने के साथ पेरिस से अपने राजदूत को बुलाने की घोषणा की है। अल्जीरिया ने मैक्रों की टिप्पणी को ‘अस्वीकार्य’ करार दिया है।

फ्रांस से निष्कासित किए जाने वाले प्रवासियों को वापस लेने से इनकार के बाद फ्रांस ने अल्जीरिया सहित उत्तर अफ्रीका के नागरिकों के लिए वीजा की संख्या में कटौती करने का फैसला किया है जिसको लेकर इन देशों में तनाव बढ़ गया है।

फ्रांसीसी सेना के प्रवक्ता कर्नल पास्कल इयान्नी ने बताया कि फ्रांस ने दो सैन्य विमानों को अल्जीरिया के हवाई क्षेत्र से उड़ान भरने की अनुमति मांगी थी जिसे उसने अस्वीकार कर दिया है। उन्होंने बताया कि एक विमान फ्रांस से रवाना होने वाला था जबकि दूसरा चाड से आने वाला था।

इयान्नी ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि क्या अल्जीरिया ने सभी फ्रांसीसी सैन्य विमानों के लिए अपना हवाईक्षेत्र पूरी तरह से बंद कर दिया है या रविवार की उड़ानें ही केवल प्रभावित हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ हमें आधिकारिक अधिसूचना नहीं मिली हैं, इसलिए हम दखेंगे। योजनाकार देख रहे हैं कि इसका कैसे सामना किया जाए।’’

अल्जीरिया द्वारा फ्रांसीसी सैन्य उड़ानों पर रोक का फैसला अल्जीरियाई प्रेसीडेंसी द्वारा पेरिस से ‘परामर्श’ के लिए अपने राजदूत को बुलाने की शनिवार शाम की गई घोषणा के बाद आया है।

बयान में कहा गया कि राजदूत को बुलाने के फैसले के पीछे अल्जीरिया को लेकर हाल में मैंक्रो द्वारा की गई टिप्पणी है। अल्जीरियाई प्रेसीडेंसी ने कहा कि टिप्पणी अल्जीरिया के मामलों में ‘अस्वीकार्य हस्तक्षेप’ है और फ्रांसीसी औपनिवेशिक शासन से लड़ाई में मारे गए अल्जीरियाई लोगों के प्रति ‘असहनीय अपमान’ है।

बयान में कहा गया, ‘‘ अल्जीरिया में फ्रांसीसी औपनिवेशिक शासन के अनगिनत अपराध हैं और यह ‘जनसंहार’ की परिभाषा में सटीक बैठता है।’’

गौरतलब है कि फ्रांसीसी मीडिया ने खबर दी थी कि मैक्रों ने हाल में अल्जीरिया में उपनिवेशवाद के बाद की शासन प्रणाली और फ्रांस के प्रति उसके रवैये पर बात की थी। ली मोंड अखबार के मुताबिक मैक्रो ने अल्जीरियाई अधिकारियों पर फ्रांस के प्रति नफरत फैलाने का आरोप लगाया था। फ्रांसीसी नेता ने उनकी सरकार द्वारा उत्तरी अफ्रीकी को दिए जाने वाले वीजा पर की गई सख्ती पर भी बात की थी और कहा था कि इसका उद्देश्य ऐसे शासित देशों को निशाना बनाना है जिनकी आदत आसान वीजा की मांग करना है।

फ्रांसीसी अधिकारियों की घोषणा के मुताबिक अल्जीरियाई और मोरक्क्न नागरिकों के लिए वीजा की संख्या में 50 प्रतिशत और ट्यूनीशिया के नागरिकों के लिए वीजा की संख्या में 30 प्रतिशत की कटौती की जाएगी। फ्रांसीसी सरकार का कहना है कि यह फैसला अल्जीरिया, मोरक्को और ट्यूनिशिया द्वारा फ्रांस से निष्कासित अपने नागरिकों को यात्रा दस्तावेज मुहैया कराने से इनकार करने के बाद उठाया गया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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