अमेरिका में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले बेटे को याद कर भावुक हुए बाइडन, जानें कैसे हुई थी बेटे की मौत
By अनुराग आनंद | Published: January 21, 2021 09:34 AM2021-01-21T09:34:52+5:302021-01-21T09:37:05+5:30
78 साल के जो बाइडन वाशिंगटन के कैपिटल हिल (संसद) में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में अमेरिकी इतिहास के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति बन गए हैं।
नई दिल्ली:जो बाइडन ने अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले ली है। वह दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्राध्यक्ष बन गए हैं। राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले जो बाइडन अपने बेटे को याद कर भावुक हो गए।
उन्होंने इस समारोह के दौरान इस बात का जिक्र भी किया कि उन्हें इस कार्यक्रम में अपने बेटे ब्यू बाइडेन के न होने पर उसकी काफी कमी खल रही है। जब बाइडन इस बात को बोल रहे थे तो वह काफी भावुक हो गए थे।
डीएनए रिपोर्ट के मुताबिक, 78 साल के जो बाइडन वाशिंगटन के कैपिटल हिल (संसद) में आयोजित एक समारोह में अमेरिकी इतिहास के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति बन गए हैं। बाइडन अपनी जिंदगी में काफी सारे उलझनों का सामना करने के बाद यहां तक पहुंचे हैं।
अमेरिकी राजनीति की समझ रखने वाले लोग इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि जो बाइडन की राजनीतिक यात्रा व्यक्तिगत त्रासदियों से घिरी रही है। बाइडन 1972 में अमेरिकी इतिहास में पांचवें सबसे युवा सीनेटर बन गए थे। लेकिन, इस पद पर बैठे अभी कुछ ही दिन हुए थे कि इनके हंसी-खुशी वाले जीवन पर अचानक दुखों का पहाड़ टूट गया। दरअसल, सीनेटर बनने के कुछ ही हफ्तों बाद जो बाइडन ने अपनी पत्नी नीलिया और एक वर्षीय बेटी नाओमी को कार दुर्घटना में खो दिया था।
इस घटना में बाइडन के दो बेटे, हंटर और ब्यू गंभीर रूप से घायल हो गए थे। लेकिन, उन्हें फिर से एक और व्यक्तिगत त्रासदी का सामना तब करना पड़ा जब कार दुर्घटना में बचकर निकलने वाला बेटा ब्यू वाइडन ने 2015 में अपने पिता का साथ छोड़ दिया और महज 46 साल की उम्र में ब्यू का निधन हो गया।
ब्यू बाइडन की मौत मस्तिष्क कैंसर की वजह से हुई। अमेरिकी सेना में मेजर पद पर तैनात ब्यू बाइडन को 2010 में हल्का आघात लगा और तीन साल बाद उन्हें ब्रेन कैंसर हो गया।
इसके बाद उन्हें शल्यचिकित्सा, विकिरण और कीमोथेरेपी दिया जाने लगा, जिससे कैंसर की वजह से होने वाला दर्द थोड़ा कम हुआ, उन्हें आराम मिलने लगा। लेकिन, कुछ समय बाद फिर से उन्हें समस्या आने लगी और 20 मई 2015 को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 10 दिन बाद उनकी मृत्यु हो गई।