टाइटैनिक का मलबा देखने गए सभी पांच लोगों की मौत, मानवरहित रोबोट ने खोज निकाले लापता हुए पनडुब्बी के टुकड़े
By विनीत कुमार | Updated: June 23, 2023 09:16 IST2023-06-23T09:10:40+5:302023-06-23T09:16:23+5:30
टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने गहरे समुद्र में गयी पनडुब्बी के नष्ट हो जाने के प्रमाण सामने आए हैं। अधिकारियों का कहना है कि इसमें सवार सभी पांच लोगों की भी मौत हो गई है।

टाइटैनिक का मलबा देखने गए सभी पांच लोगों की मौत, मानवरहित रोबोट ने खोज निकाले लापता हुए पनडुब्बी के टुकड़े
बोस्टन: टाइटैनिक का मलबा देखने के लिए गयी एक पनडुब्बी 'टाइटन' के पायलट और उसमें सवार अन्य चार लोगों की मौत हो गई है। अधिकारियों ने कहा कि पनडुब्बी में केटास्ट्रोफिक इम्पलोजन (catastrophic implosion, एक विस्फोट) की वजह से सभी पांच लोगों की जान गई होगी। उन्होंने पनडुब्बी का मलबा खोजे जाने की भी बात कही है। दरअसल, ओशनगेट एक्सपीडिशन नामक कंपनी का यह अभियान था, जिसके तहत सभी समुद्र में जाकर टाइटैनिक का मलबा देखने गए थे।
रोबोट ने खोज निकाला पनडुब्बी का मलबा
अधिकारियों के अनुसार पनडुब्बी का टेल कोन और अन्य मलबा उत्तरी अटलांटिक महासागर की गहराई में डूबे हुए टाइटैनिक जहाज से लगभग 1,600 फीट की दूरी पर मिला। इसे एक रिमोट ऑपरेटेड वेहिकल (रोबोट) की मदद से खोज निकाला गया।
अमेरिकी नौसेना के बचाव संचालन और महासागर इंजीनियरिंग के निदेशक पॉल हैंकिन्स के अनुसार, 'रिमोट से संचालित वाहन को टाइटन पनडुब्बी से मलबे के पांच अलग-अलग प्रमुख टुकड़े मिले।' उन्होंने कहा कि इस सप्ताह के शुरू में पानी के अंदर पता लगाई गई अज्ञात आवाज और जहां मलबा पाया गया है, उसके बीच किसी संबंध की पुष्टि नहीं की जा सकती है।
18 जून से लापतता था पनडुब्बी
18 जून को OceanGate कंपनी की यह पनडुब्बी सफर पर निकली थी। हालांकि, पानी में उतरने के शुरुआती 2 घंटों में ही इससे संपर्क टूट गया था। इसके बाद से इसकी खोज जारी थी। टाइटैनिक के मलबे तक पहुंचने, वहां घूमने और फिर वापस आने तक में करीब आठ घंटों का समय लगता है। इसमें दो घंटे टाइटैनिक के मलबे के पास तक जाने और आने में खर्च होते हैं। वहीं करीब चार घंटे टाइटैनिक के मलबे के आसपास का नजारा देखने में लग जाते हैं।
कंपनी ने बताया था कि इस पनडुब्बी में 96 घंटे का ऑक्सिजन था। ऐसे में ऑक्सीजन उपलब्धता की 96 घंटे की महत्वपूर्ण समय सीमा भी गुरुवार को पार हो गई थी। उत्तर अटलांटिक में अपनी यात्रा पर पनडुब्बी के रवाना होते समय चालक दल के पास केवल चार दिन के लिए ही ऑक्सीजन थी। विशेषज्ञों ने अनुमान जताया था कि यदि पनडुब्बी में सवार लोग ऑक्सीजन संरक्षित करने के उपाय करते हैं तो यह समय सीमा बढ़ सकती है।
कौन-कौन थे पनडुब्बी में सवार?
इसमें सवार सभी लोग जाने-माने अरबपति थे। इसमें सवार यात्रियों में ब्रिटिश व्यवसायी हामिश हार्डिंग, पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश व्यवसायी शहजादा दाऊद और उनका बेटा सुलेमान, ओशनगेट के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टॉकटन रश और फ्रांसीसी पायलट पॉल-हेनरी नार्गोलेट शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि टाइटैनिक दुनिया का सबसे बड़ा वाष्प इंजन चालित यात्री जहाज था। अप्रैल 1912 में अटलांटिक महासागर में अपनी पहली यात्रा पर रवाना होने के चार दिन बाद यह एक हिम शैल से टकराने के बाद डूब गया था।