काबुल हवाईअड्डे पर गोलीबारी में अफगान सैनिक की मौत, पंजशीर के करीब जमा हुए तालिबान लड़ाके

By भाषा | Updated: August 23, 2021 20:08 IST2021-08-23T20:08:48+5:302021-08-23T20:08:48+5:30

Afghan soldier killed in firing at Kabul airport, Taliban fighters gathered near Panjshir | काबुल हवाईअड्डे पर गोलीबारी में अफगान सैनिक की मौत, पंजशीर के करीब जमा हुए तालिबान लड़ाके

काबुल हवाईअड्डे पर गोलीबारी में अफगान सैनिक की मौत, पंजशीर के करीब जमा हुए तालिबान लड़ाके

काबुल, 23 अगस्त (एपी) अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद देश छोड़ने के लिए मची अफरातफरी के बीच काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के एक द्वार के पास सोमवार तड़के गोलीबारी में एक अफगान सैनिक की मौत हो गई। जर्मन अधिकारियों ने यह जानकारी दी। हवाईअड्डे पर गोलीबारी के बीच तालिबान ने अपने लड़ाकों को उत्तरी क्षेत्र में भेजा है जहां पर उसे सशस्त्र प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। तालिबान ने कहा कि उसने तीन जिलों पर फिर से कब्जा कर लिया है जिसे एक दिन पहले उसके विरोधियों ने अपने नियंत्रण में ले लिया था। इसके साथ ही पंजशीर को भी तालिबानी लड़ाकों ने घेर लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को कहा कि वह लोगों को निकालने के अभियान को 31 अगस्त से आगे बढ़ाने से इनकार नहीं करेंगे। इसी तारीख तक अमेरिकी सैन्य बलों की अफगानिस्तान से पूर्ण वापसी होनी है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अभियान को आगे बढ़ाने के लिए बाइडन से आग्रह करेंगे। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने ‘स्काई न्यूज’ के साथ साक्षात्कार में कहा कि 31 अगस्त ‘रेड लाइन’ है और अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी की समय सीमा बढ़ाना उकसावे का कदम होगा। काबुल हवाईअड्डे के एक द्वार के पास सोमवार को गोलीबारी हुई जहां एक दिन पहले भगदड़ में सात लोगों की मौत हो गयी थी। किन परिस्थितियों में गोलीबारी हुई यह स्पष्ट नहीं है। जर्मन सेना ने ट्वीट करके बताया कि सोमवार को गोलीबारी में अफगानिस्तान के एक सुरक्षा अधिकारी की मौत हो गई जबकि तीन अन्य घायल हो गए हैं। बाद में जर्मन सेना ने स्पष्ट किया कि वह हवाईअड्डे की सुरक्षा में जुटी ‘‘अफगान सेना के सदस्यों’’ का हवाला दे रही थी। तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों ने समर्पण कर दिया। तालिबान के कठोर शासन के लौटने के डर से हजारों अफगान नागरिक देश छोड़कर निलकने का प्रयास कर रहे हैं जिससे काबुल हवाई अड्डे पर अफरातफरी मची है। कुछ अफगान सैनिक लोगों को निकालने के अभियान में पश्चिमी देशों के सैनिकों की मदद कर रहे हैं। काबुल हवाईअड्डे पर इस्लामिक स्टेट से संबंधित स्थानीय संगठनों द्वारा हमले का भी खतरा है। अफगानिस्तान में अस्पतालों का संचालन करने वाले इतालवी मानवीय सेवा संगठन ने कहा कि उसने हवाईअड्डे पर गोलीबारी में घायल हुए छह मरीजों का इलाज किया। अमेरिकी सेना और नाटो ने गोलीबारी की घटना के बारे में अभी कुछ नहीं कहा है। तालिबान ने भी घटना के बारे में टिप्पणी नहीं की है। तालिबान ने अफरातफरी भरे बचाव अभियान के लिए अमेरिकी सेना को दोष दिया है और कहा है कि अफगान लोगों को उससे डरने की जरूरत नहीं हैं। हालांकि हवाईअड्डे के आसपास एकत्र भीड़ को काबू में करने के लिए तालिबान के लड़ाकों ने हवा में गोली चलाई और लोगों पर लाठियां चलाईं। मौलवियों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने उनसे तालिबान के खिलाफ पश्चिमी देशों के ‘दुष्प्रचार’ का खंडन करने का आग्रह किया और कहा कि अमेरिका अपने विमान भेजकर और अफगानों को शरण देकर उसके शासन को कमतर बताने का प्रयास कर रहा। जर्मनी की रक्षा मंत्री एनग्रेट क्रम्प‑करेनबॉर ने ‘बिल्ड’ अखबार से कहा कि काबुल हवाईअड्डे के बाहर एकत्रित भीड़ के कारण लोगों को वहां से निकालने में दिक्कतें आ रही हैं। तालिबान द्वारा हवाईअड्डा जाने वालों को सुरक्षित रास्ता दिए जाने के आश्वासन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘अभी सबसे ज्यादा दिक्कतें अनियंत्रित भीड़ के कारण दिक्कतें हो रही हैं। ’’ अमेरिका ने लोगों को काबुल से निकाले जाने के बाद उन्हें गंतव्य तक पहुंचाने में सहयोग के लिए वाणिज्यिक विमान कंपनियों से सहयोग करने को कहा है। काबुल से लोगों को निकालने के लिए सैन्य विमानों का परिचालन जारी है। अमेरिका ने 14 अगस्त के बाद से सैन्य और अन्य विमानों से 30,000 से ज्यादा लोगों को निकाला है। अब भी हजारों लोग काबुल से निकलने का इंतजार कर रहे हैं जिसमें अमेरिका और दूसरे देशों के लोग तथा अफगान नागरिक हैं। इस बीच काबुल से 120 किमी दूर उत्तर में बगलान प्रांत में स्वयं को ‘जन विद्रोह’ से जुड़ा बताने वाले लड़ाकों ने हिंदुकुश में अंदराब घाटी में तीन जिलों पर कब्जा करने का दावा किया। लेकिन तालिबान ने सोमवार को दावा किया कि उसने इन जिलों पर फिर से कब्जा कर लिया है। तालिबान के प्रवक्ता मुजाहिद ने कहा कि उन्होंने पंजशीर प्रांत को घेरना शुरू कर दिया है। अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से पंजशीर इकलौता ऐसा प्रांत है जहां तालिबान कब्जा नहीं कर सका है। अफगानिस्तान के उप राष्ट्रपति रहे अमरूल्ला सालेह ने ट्विटर पर लिखा कि तालिबान लड़ाके प्रांत के आसपास एकत्रित हो गए हैं। वर्ष 2001 में तालिबान को हटाने के लिए अमेरिका का साथ देने वाले ‘नार्दर्न अलायंस’ संगठन के दिवंगत कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद ने कहा कि उसके लड़ाके भी पंजशीर में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि ताकत से प्रांत पर कब्जा करने के किसी भी प्रतिरोध का उनके लड़ाके मुकाबला करेंगे लेकिन तालिबान के साथ वार्ता का रास्ता खुला है। तालिबान के प्रवक्ता मुजाहिद ने कहा कि तालिबान की योजना पंजशीर के लोगों से बात करने की है। उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक तो वहां लड़ाई नहीं हो रही। हम पंजशीर के लिए शांतिपूर्ण समाधान खोजना चाहते हैं।

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Web Title: Afghan soldier killed in firing at Kabul airport, Taliban fighters gathered near Panjshir

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