कीव: बीते लगभग एक महीने से पूरे विश्व की निगाहें यूक्रेन-रूस युद्ध पर लगी हुई हैं। रूसी सेना के विकट हमले को झेल रहा यूक्रेन इस समय पूरी दुनिया के केंद्र में बना हुआ है। रूस ने यूक्रेन पर हमला करके कई प्रमुख शहरों को तबाह कर दिया है।
यूक्रेन के खारकीव और मारियापुल जैसे प्रमुख शहरों को लगभग खंडहरों में बदल चुकी रूसी सेना राजधानी कीव पर कब्जे को लेकर भयानक हमला कर रही है।
हजारोंलोगों की मौत का कारण बना युद्ध आने वाले समय में कई तरह की विभिषिकाओं को जन्म देने वाला है लेकिन इन सब संभावनाओं के बीच कुछ ऐसे किस्से भी सामने आ रहे हैं, जिसे जानने और सुनने के बाद लोग हैरत में पड़ जा रहे हैं।
जी हां, यूक्रेन की भयानक स्थिति के बीच आशा की कई कहानियों को लेकर यूक्रेनी विदेश मंत्रालय ने ट्विटर पर पोस्ट साझा करके बताया है कि एक 98 साल की बुजुर्ग महिला ने रूस के खिलाफ हथियार उठाने की इच्छा व्यक्त की है। इसके लिए उन्हें बाकायदा सरकार से गुजारिश भी की है।
98 साल की ओल्हा तेवरडोखलिबोवा के बारे में जिक्र करते हुए यूक्रेनी विदेश विभाग ने ट्वीट किया है, "98 वर्ष की एक दिग्गज महिला ओल्हा तेवरडोखलिबोवा ने अपने जीवन में दूसरी बार युद्ध का सामना किया है। वह फिर से अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए तैयार थी, लेकिन सभी गुणों और अनुभव के बावजूद, उम्र के कारण उन्हें युद्ध में भाग लेने से इनकार कर दिया गया। हमें यकीन है कि वह जल्द ही कीव में एक और जीत का जश्न मनाएंगी!"
जानकारी के मुताबिक ओल्हा एक पुरानी योद्धा है। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में भी भाग लिया था। उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सेना के खिलाफ यूक्रेन की ओर से जंग में शामिल होने की इच्छा जताई थी लेकिन लेकिन अफसोस की बात है कि अधिक उम्र के कारण यूक्रेन की सरकार ने उन्हें मना कर दिया है।
मालूम हो कि यूक्रेन हमले को लेकर पूरे विश्व में आलोचना का शिकार बने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को हत्यारा तानाशाह और विशुद्ध ठग बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी है, वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने अपने संबोधन को समाप्त करते हुए 2014 के युद्ध की तुलना कर रूसी सैनिकों को आगाह किया।
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा, "यहां आने वाले लोगों ने सोचा था कि वे यूक्रेन जा रहे हैं, जिसे उन्होंने 2014-2015 में पहले देखा था, जिसे उन्होंने भ्रष्ट कर दिया था और जिनसे वे डरते नहीं थे लेकिन अब हम बदल गए हैं। यह बदलाव ही है कि हम बीते 22 दिनों से रूस द्वारा किए जा रहे पूरी तरह से हमले के खिलाफ डटे हुए हैं। यह वह शक्ति है जिसे हमने अपनी रक्षा के लिए कई वर्षों में पूरा किया है। हमारी रणनीति क्या है वह नहीं बता सकते क्योंकि युद्ध अभी जारी है।"
जेलेंस्की ने यूक्रेन की वार्ता रणनीति को बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, "हमारा मानना है कि टेलीविजन, रेडियो या फेसबुक के बजाय चुप रहकर काम करना बेहतर है।"