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Media Workers murdered worldwide in 2023: दुनियाभर में 2023 में 94 मीडियाकर्मियों की हत्या, पिछले 30 से अधिक वर्षों, हमास एवं इजराइल के युद्ध में कई की गई जान, 400 पत्रकारों को जेल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 8, 2023 14:46 IST

Media Workers murdered worldwide in 2023: पिछले 30 से अधिक वर्षों में किसी भी संघर्ष के दौरान इतनी अधिक संख्या में पत्रकारों की जान नहीं गई, जितने पत्रकार हमास एवं इजराइल के युद्ध में मारे गए हैं।

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ठळक मुद्दे2023 में दुनिया भर में 94 मीडियाकर्मियों की मौत हुई।400 अन्य पत्रकारों को जेल में डाला गया है।अफगानिस्तान, फिलीपीन, भारत, चीन और बांग्लादेश में भी मीडियाकर्मियों मौत की घटनाओं की निंदा की।

Media Workers murdered worldwide in 2023: दुनिया भर में पत्रकारों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक अग्रणी संगठन ने मीडियाकर्मियों के अपना काम करते समय मारे जाने की घटनाओं को गंभीर चिंता का विषय करार देते हुए बताया कि 2023 में दुनिया भर में 94 मीडियाकर्मियों की मौत हुई।

 

पिछले 30 से अधिक वर्षों में किसी भी संघर्ष के दौरान इतनी अधिक संख्या में पत्रकारों की जान नहीं गई, जितने पत्रकार हमास एवं इजराइल के युद्ध में मारे गए हैं। ‘इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स’ (आईएफजे) ने मीडिया कर्मियों की मौत की अपनी वार्षिक गणना के अनुसार बताया कि इस साल अब तक 94 पत्रकार मारे गए हैं और लगभग 400 अन्य पत्रकारों को जेल में डाला गया है।

संगठन ने अफगानिस्तान, फिलीपीन, भारत, चीन और बांग्लादेश में भी मीडियाकर्मियों मौत की घटनाओं की निंदा की। समूह ने मीडियाकर्मियों के लिए बेहतर सुरक्षा का प्रबंध किए जाने और उन पर हमला करने वालों को जवाबदेह ठहराए जाने का आह्वान किया। आईएफजे की अध्यक्ष डोमिनिक प्राडाली ने कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा के लिए नए वैश्विक मानक बनाए जाना अत्यावश्यक हो गया है।

समूह ने कहा कि सात अक्टूबर को हमास द्वारा इजराइल पर हमला किए जाने के बाद से इजराइल-हमास युद्ध को कवर करने वाले 68 पत्रकार मारे गए हैं और यह संख्या दुनिया भर में मारे गए सभी मीडियाकर्मियों की संख्या का 72 प्रतिशत है। उसने बताया कि इनमें से अधिकांश पत्रकार गाजा पट्टी में युद्ध कवर कर रहे फलस्तीनी पत्रकार थे।

समूह ने कहा, ‘‘आईएफजे ने अपना काम करते समय मारे गए पत्रकारों की संख्या का रिकॉर्ड 1990 से रखना शुरू किया है और तब से किसी भी संषर्घ में इतने पत्रकारों की मौत नहीं हुई, जितने मीडियाकर्मी गाजा में युद्ध के दौरान मारे गए हैं।’’

उसने कहा कि रूस के आक्रमण के लगभग दो साल बाद भी यूक्रेन ‘‘पत्रकारों के लिए एक खतरनाक देश बना हुआ है।’’ उसने मीडियाकर्मियों के खिलाफ अपराधों के मामलों में सजा नहीं होने को लेकर चिंता जताई और सरकार से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने एवं उनकी हत्या के दोषी लोगों को जवाबदेह बनाए जाने की अपील की है। 

टॅग्स :इजराइलHamas
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