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66th Ramon Magsaysay Awards: 66वें रेमन मैगसायसाय पुरस्कार की घोषणा, मिलिए विनर से, देखें लिस्ट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 31, 2024 13:12 IST

66th Ramon Magsaysay Awards: वियतनामी चिकित्सक गुयेन थी नोक फुओंग ने ‘एजेंट ऑरेंज’ के विनाशकारी और दीर्घकालिक प्रभावों पर व्यापक शोध किया है।

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ठळक मुद्दे66th Ramon Magsaysay Awards: गंभीर संदेश है कि युद्ध से हर कीमत पर बचा जाना चाहिए।66th Ramon Magsaysay Awards: पुरस्कार निस्वार्थ सेवा की ‘‘महान भावना’’ से काम करने वाले लोगों को दिया जाता है।66th Ramon Magsaysay Awards: अडिग संकल्प के साथ ज्वलंत वैश्विक मुद्दों का समाधान करते हैं।

66th Ramon Magsaysay Awards: वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना द्वारा इस्तेमाल किए गए शक्तिशाली रसायन ‘एजेंट ऑरेंज’ के पीड़ितों को न्याय दिलाने में मदद करने वाली एक वियतनामी चिकित्सक को इस वर्ष रेमन मैगसायसाय पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के लिए चुना गया है। रेमन मैगसायसाय पुरस्कार को एशिया का नोबेल पुरस्कार माना जाता है। विजेताओं की घोषणा शनिवार को की गई, जिनमें थाईलैंड में ग्रामीण इलाके के गरीबों के लिए पर्याप्त स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के वास्ते संघर्ष करने वाले चिकित्सकों का एक समूह, एक इंडोनेशियाई पर्यावरण रक्षक, बच्चों के लिए जटिल मुद्दों पर काम करने वाला एक जापानी एनिमेटर और वर्तमान संकटों से उबरने के लिए देश की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने वाला एक भूटानी शिक्षाविद् शामिल हैं।

66th Ramon Magsaysay Awards: देखें लिस्ट

1. वियतनामी चिकित्सक गुयेन थी नोक फुओंग

2. इंडोनेशिया की फरविजा फरहान

3. जापान के मियाजाकी हयाओ

4. थाईलैंड चिकित्सकों का समूह ‘रूरल डॉक्टर्स मूवमेंट’

5. भूटान के कर्मा फुंटशो।

पहला मैगसायसाय पुरस्कार 1958 में दिया गया था। इस पुरस्कार का नाम फिलीपीन के पूर्व राष्ट्रपति रेमन डेल फिएरो मैगसायसाय के नाम पर रखा गया है, जिनकी 1957 में एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी। यह पुरस्कार निस्वार्थ सेवा की ‘‘महान भावना’’ से काम करने वाले लोगों को दिया जाता है।

पुरस्कार प्रदान करने वाले संगठन की अध्यक्ष सुजाना बी अफान ने कहा, ‘‘यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है, जो व्यवस्थागत अन्याय का साहसपूर्वक सामना करके यथास्थिति को चुनौती देते हैं, सामाजिक विकास को गति देने वाले क्रांतिकारी समाधानों के माध्यम से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बदलाव लाते हैं और अडिग संकल्प के साथ ज्वलंत वैश्विक मुद्दों का समाधान करते हैं।’’

पुरस्कार प्रदान करने वाली संस्था के अनुसार, वियतनामी चिकित्सक गुयेन थी नोक फुओंग ने ‘एजेंट ऑरेंज’ के विनाशकारी और दीर्घकालिक प्रभावों पर व्यापक शोध किया है। फुओंग के मुताबिक, उन्हें ‘एजेंट ऑरेंज’ के दुष्प्रभाव का सबसे पहले 1960 के दशक के अंत में पता चला था, जब उन्होंने अत्यधिक विषैले रसायन के प्रभाव के कारण गंभीर जन्मजात विकार से पीड़ित शिशुओं के प्रसव में एक प्रशिक्षु चिकित्सक के रूप में मदद की थी। ‘मैगसायसास फाउंडेशन’ ने कहा, ‘‘फुओंग का काम दुनिया के लिए एक गंभीर संदेश है कि युद्ध से हर कीमत पर बचा जाना चाहिए।

क्योंकि इसके दुखद नतीजे दूरगामी हो सकते हैं। वह इस बात का सबूत पेश करती हैं कि युद्ध के दौरान किए अनुचित कामों को सही करने और इसके असहाय पीड़ितों को न्याय एवं राहत दिलाने की कोशिश करना जरूरी है।’’ अमेरिकी सेना ने वियतनाम युद्ध के दौरान ‘एजेंट ऑरेंज’ का इस्तेमाल दक्षिण वियतनाम और अमेरिका के खिलाफ लड़ने वाले वियतनामी कम्युनिस्ट या वियत कांग के लिए उगाई गई फसलों और वियतनामी जंगलों को नष्ट करने के लिए किया था। सेना ने दक्षिणी वियतनाम के बड़े हिस्से में लगभग एक करोड़ 10 लाख गैलन ‘डाइऑक्सिन’ का छिड़काव किया था।

‘डाइऑक्सिन’ एक रासायनिक पदार्थ है, जिसका ‘एजेंट ऑरेंज’ में इस्तेमाल किया जाता है। यह मिट्टी में और झीलों एवं नदियों की तलछट में कई पीढ़ियों तक रहता है। ‘डाइऑक्सिन’ मछली और अन्य जानवरों की चर्बी के माध्यम से खाद्य आपूर्ति में प्रवेश कर सकता है।

फाउंडेशन ने बताया कि इंडोनेशिया की फरविजा फरहान को ‘लूसर’ पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करने वाले समूह का नेतृत्व करने के लिए यह पुरस्कार मिला है। ‘लूसर’ पारिस्थितिकी तंत्र उनके देश के आचे प्रांत में सुमात्रा द्वीप पर 26 लाख हेक्टेयर में फैला हुआ जंगल है, जहां दुनिया की कुछ सर्वाधिक संकटग्रस्त प्रजातियां हैं। जापान के एक लोकप्रिय एनिमेटर मियाजाकी हयाओ को पुरस्कार निकाय ने 1985 में ‘स्टूडियो घिबली’ के सह-संस्थापक के रूप में उद्धृत किया।

यह स्टूडियो बच्चों के लिए एनिमेटेड फिल्मों का एक प्रमुख समर्थक है। जापान की 10 सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में घिबली द्वारा निर्मित तीन फिल्में शामिल थीं। फाउंडेशन ने कहा कि थाईलैंड के चिकित्सकों के एक समूह ‘रूरल डॉक्टर्स मूवमेंट’ को यह पुरस्कार ‘‘अपने लोगों, विशेष रूप से ग्रामीण इलाके के गरीबों के लिए पर्याप्त और सस्ती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के वास्ते उनके दशकों के संघर्ष’’ की खातिर दिया गया है।

पूर्व बौद्ध भिक्षु और ऑक्सफोर्ड से पढ़े भूटान के कर्मा फुंटशो को बौद्ध धर्म और भूटान के समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत के क्षेत्र में उनके अकादमिक कार्यों के लिए चुना गया है, जिसका उपयोग उनके देश में वर्तमान और भविष्य की समस्याओं को हल करने के लिए किया जा रहा है। विजेताओं को 16 नवंबर को मनीला के ‘मेट्रोपॉलिटन थिएटर’ में मैगसायसाय पुस्कार प्रदान किया जाएगा। 

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