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कई हफ्तों से समुद्र में भूखे भटक रहे 396 रोहिंग्याओं को बचाया गया, लोगों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल

By भाषा | Updated: April 17, 2020 05:50 IST

बांग्लादेश के तटरक्षक बल ने समुद्र से 396 भूखे रोहिंग्याओं को बचाया है। ये लोग मलेशिया जाने के असफल प्रयास के बाद पिछले कई सप्ताह से समुद्र में भटक रहे थे। बचाए गए लोगों में कई महिलाएं और बच्चे भी हैं। इस दौरान उनके साथ जा रहे करीब 50 लोगों की मौत कुपोषण और बीमारी की वजह से हो गई।

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ठळक मुद्देबांग्लादेश के तटरक्षक बल ने समुद्र से 396 भूखे रोहिंग्याओं को बचाया है। ये लोग मलेशिया जाने के असफल प्रयास के बाद पिछले कई सप्ताह से समुद्र में भटक रहे थे।बचाए गए लोगों में कई महिलाएं और बच्चे भी हैं। इस दौरान उनके साथ जा रहे करीब 50 लोगों की मौत कुपोषण और बीमारी की वजह से हो गई।

बांग्लादेश के तटरक्षक बल ने समुद्र से 396 भूखे रोहिंग्याओं को बचाया है। ये लोग मलेशिया जाने के असफल प्रयास के बाद पिछले कई सप्ताह से समुद्र में भटक रहे थे। बचाए गए लोगों में कई महिलाएं और बच्चे भी हैं। इस दौरान उनके साथ जा रहे करीब 50 लोगों की मौत कुपोषण और बीमारी की वजह से हो गई।

तटरक्षक बल के स्थानीय अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर एम. सोहेल राना ने बताया कि इन शरणार्थियों को संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर को 14 दिन के लिये पृथकवास में रखने के लिये सौंप दिया गया है।

उन्होंने बताया कि बचाए गए कई रोहिंग्या टेकनाफ तटरेखा स्थित चक्रवात आश्रय स्थल में रहेंगे जिसे पृथकवास केंद्र में बदल दिया गया है।

हालांकि, कई अधिकारी इस संबंध में अलग-अलग बयान दे रहे हैं कि क्या ये लोग उन शरणार्थियों में शामिल हैं जो म्यामां में जातीय नरसंहार के बाद वहां से भागे थे और बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में रह रहे थे।

राणा ने कहा कि शरणार्थियों ने करीब दो महीने पहले मलेशिया के लिए यात्रा शुरू की थी और कई हफ्ते से समुद्र में भटक रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘वे मलेशिया नहीं पहुंच पाए और लौट आए।’’ कॉक्स बाजार के पुलिस अधीक्षक ए बी एम मसूद हुसैन ने कहा कि बचाए गए लोगों को तस्करों ने लालच दिया था और नाव का मालिक म्यामां का एक बौद्ध नागरिक था।

अन्य अधिकारियों का कहना है कि बचाए गए रोहिंग्या बांग्लादेश के शिविरों के ही हैं। एक खुफिया अधिकारी जिसने मौके पर कम से कम 10 शरणार्थी से बात की थी, उनका कहना था कि ये शरणार्थी कॉक्स बाजार जिले के विभिन्न शिविरों के हैं। हालांकि उन्होंने पहचान नहीं जाहिर करने की शर्त पर यह जानकारी दी।

टॅग्स :बांग्लादेशरोहिंग्या मुसलमानलोकमत हिंदी समाचार
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