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2024 Bangladesh General Election: आम चुनाव पर क्यों है महाशक्तियों की नजर?

By शोभना जैन | Updated: November 28, 2023 13:40 IST

बांग्लादेश में आगामी 7 जनवरी को आम चुनाव होने जा रहे हैं। भारत के एक पड़ोसी मित्र देश होने के नाते वहां के हालात पर नजर है। वहीं, भारत सहित अमेरिका, रूस और चीन भी इस चुनाव का इंतजार कर रहे हैं।

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ठळक मुद्देबांग्लादेश में आगामी 7 जनवरी को आम चुनाव होने जा रहे हैंचुनावों का ऐलान होते ही प्रदर्शनों और हिंसक घटनाओं का दौर उग्र होने लगा हैभारत सहित अमेरिका, रूस और चीन सभी की नजरें लगी हैं

बांग्लादेश में आगामी 7 जनवरी को होने वाले आम चुनाव में भारत सहित अमेरिका, रूस और चीन सभी की नजरें लगी हैं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं घरेलू हालात में भी उथल-पुथल बढ़ रही है। चुनावों का ऐलान होते ही प्रदर्शनों और हिंसक घटनाओं का दौर उग्र होने लगा है।

भारत के एक पड़ोसी मित्र देश होने के नाते वहां के हालात पर नजर है और आधिकारिक तौर पर भारत कई बार कह भी चुका है कि वह बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं करता है, यही उसकी विदेश नीति सदैव रही है। वहीं, भूराजनीतिक कारणों और अंतरराष्ट्रीय समीकरणों के चलते महाशक्तियों की इन चुनावों पर नजदीकी से नजर है। 

रूस ने आरोप लगाया है कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश बांग्लादेश के चुनाव को पारदर्शी और समावेशी बनाने के बहाने देश की घरेलू राजनीतिक प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। इस बीच बांग्लादेश के विदेश सचिव मसूद बिन मोमिन ने कहा है कि बांग्लादेश अपने आगामी चुनाव में विदेशी पर्यवेक्षकों का खुले दिल से स्वागत करेगा लेकिन, उसके आंतरिक मामलों में किसी को दखल नहीं देने दिया जाएगा।

समझा जाता है कि शेख हसीना की 14 साल पुरानी सरकार के लिए यह चुनाव सबसे बड़ी राजनैतिक चुनौती है। हालांकि, विपक्ष वहां बिखरा हुआ है, लेकिन महंगाई और सरकार की आर्थिक नीतियों को लेकर वह खासा हमलावर और उग्र रुख अपनाए हुए है। विपक्ष इन्हीं दलीलों के आधार पर वहां चुनावों की देखरेख के लिए कार्यवाहक सरकार चाहता है, लेकिन जाहिर है शेख हसीना इसके लिए कतई राजी नहीं होंगी।

हाल ही में शेख हसीना ने कहा भी है, 'चुनाव के माध्यम से मुझे सत्ता से नहीं हटाया जा सकता। मेरे लोग ही मेरी सबसे बड़ी ताकत हैं।' उन्होंने कहा कि देश में विकास साफ नजर आ रहा है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के बाद उनकी सरकार पिछले तीन बार से सत्ता में बनी हुई है।

अगर भारत की बात करें तो बांग्लादेश उसका पड़ोसी मित्र देश रहा है और हसीना सरकार के साथ उसकी समझबूझ और तालमेल अच्छा रहा है। अमेरिका व भारत के रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच हाल में हुई टू प्लस टू वार्ता में बांग्लादेश में चुनाव का मुद्दा उठा।

देखा जाए तो पूर्वोत्तर के जरिये इस पूरे क्षेत्र के साथ, जिसका बांग्लादेश भी एक अभिन्न हिस्सा है, उसके साथ अच्छे संबंध देश के भीतर क्षेत्रीय स्तर पर और यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय पटल पर भी भारत के हित में है। भारत का मानना है कि जब, हिंद प्रशांत क्षेत्र की स्थिति को लेकर अमेरिका व भारत एक साथ काम कर रहे हैं, तब बांग्लादेश की मौजूदा सरकार की नीतियां ज्यादा सकारात्मक साबित हो सकती हैं।

टॅग्स :बांग्लादेशशेख हसीना
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