जब पीएम मोदी और सोनू सूद ने भी नहीं सुनी, तो गांव के नौजवान आगे आये और बनाने लगे सड़क

By वैशाली कुमारी | Published: September 3, 2021 04:29 PM2021-09-03T16:29:34+5:302021-09-03T16:32:14+5:30

कुछ लोग इंतजार करते हैं सरकार का, उसके बड़े-बड़े वादों का या किसी बड़े इंसान का, कि वो आएं और गांव में सुविधाएं आएं। वहीं कुछ ऐसे हैं जो अपनी किस्मत अपने हाथों बदलने में विश्वास करते हैं। ऐसा ही एक किस्सा सामने आया है झारखंड के एक गांव से।

When PM Modi and Sonu Sood did not listen, the youth of the village came forward and started building the road | जब पीएम मोदी और सोनू सूद ने भी नहीं सुनी, तो गांव के नौजवान आगे आये और बनाने लगे सड़क

खबरों के मुताबिक, इस मामले को लेकर गांववाले पीएम मोदी से लेकर सोनू सूद को भी गुहार लगा चुके हैं।

Highlightsजब किसी ने नहीं सुना, तो गाँव के युवा आये सामनेपहाड़ पर बसा है गाँव, 20 किमी दूरी तय कर पहुँचते हैं बाजार

इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि आज भी भारत की ज्यादातर आबादी खेती ही करती है। इससे ही उनका जीवन चलता है। आज आजादी के इतने वर्षों बाद भी  भी कई गांव ऐसे हैं जहां आने जाने के लिए सड़क तक नहीं हैं। लोग पगडंडी के रास्ते सफर करके, कई किलोमीटर पैदल चलकर घर पहुंचते हैं। उनके लिये आज भी पक्की सड़क किसी सपनें से कम नहीं है, और ऐसा तब हो रहा है जब एक मैसेज दूर तक चंद सेकेंड्स में पहुंच जाता है, जब किसी रिमोट एरिया में लोगों के वीडियो वायरल हो जाते हैं, जब एक बच्चा गांव की उस सड़क से सफर करके ही किसी रिएलिटी शो का हिस्सा बन जाता है, लेकिन उस गाँव को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। 

नहीं किया इंतजार, खुद अपनें हाथों बदली अपने गाँव की किस्मत: 

कुछ लोग इंतजार करते हैं सरकार का, उसके बड़े-बड़े वादों का या किसी बड़े इंसान का, कि वो आएं और गांव में सुविधाएं आएं। वहीं कुछ ऐसे हैं जो अपनी किस्मत अपने हाथों बदलने में विश्वास करते हैं। ऐसा ही एक किस्सा सामने आया है झारखंड के एक गांव से, जहाँ लोगों ने खुद अपनें हाथ सड़क बनाने की ठान ली।

जब किसी ने नहीं सुना, तो गाँव के युवा आये सामने: 

जी हाँ, हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे गाँव के बारे में जिस गांव के लोगों ने सड़क के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फरियाद की, जरूरतमंदों की मदद करने वाले सोनू सूद से मदद की गुहार लगाई। लेकिन कुछ नहीं हुआ। हिम्मत करके गांव के जवानों ने ही यह काम करना शुरू किया। उन्होंने खुद ही सड़क बनाने का जिम्मा उठाया।

पहाड़ पर बसा है गाँव, 20 किमी दूरी तय कर पहुँचते हैं बाजार: 

इंडिया टाइम्स के मुताबिक, मामला झारखंड के गोमिया प्रखंड के अमन गांव का है। यह गांव उग्रवाद प्रभावित है। यहां के युवक संजय महतो ने बताया कि यह गांव पहाड़ पर बसा है। लोगों
को पंचायत, सचिवालय और बाजार आने के लिए 20 से 25 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। अमन से दनरा तक सड़क बनने से यह दूरी
घटकर पांच किलोमीटर रह जाएगी। इसी कारण वो और गांव के कई नौजवान सड़क बनाने में जुटे हैं।

अब तक कई लोगों से लगा चुके हैं मदद की गुहार: 

खबरों के मुताबिक, इस मामले को लेकर गांववाले पीएम मोदी से लेकर सोनू सूद को भी गुहार लगा चुके हैं। लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली। अब आखिरकार वो खुद ही सड़क बनाने में जुटे हैं। लोगों का मानना है कि एक बार यह सड़क बन गई तो लोगों को काफी सहूलियत होगी और काफी समय भी बचेगा।

Web Title: When PM Modi and Sonu Sood did not listen, the youth of the village came forward and started building the road

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