छत्रपति संभाजीनगर में मांस पर बैन?, विरोध में एआईएमआईएम नेता इम्तियाज जलील ने की बिरयानी पार्टी, 15 और 20 अगस्त को बूचड़खाना और मांस बेचने वाली दुकान बंद
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 15, 2025 19:14 IST2025-08-15T19:13:06+5:302025-08-15T19:14:17+5:30
Independence Day 2025: नागपुर, नासिक, मालेगांव में भी नगर निगमों ने इसी तरह के आदेश जारी किए, जिससे विवाद उपज गया है।

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छत्रपति संभाजीनगरः ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) नेता इम्तियाज जलील ने त्योहारों के कारण शहर में मांस की दुकानें बंद रखने के स्थानीय महानगरपालिका के आदेश के खिलाफ शुक्रवार को विरोध जताने के लिए अपने आवास पर बिरयानी पार्टी का आयोजन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी निशाना साधते हुए जानना चाहा कि उन्होंने महानगरपालिका आयुक्त को मांस पर प्रतिबंध का आदेश वापस लेने का निर्देश क्यों नहीं दिया। इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस और भगवान श्री कृष्ण के जन्म का त्योहार गोकुल अष्टमी शुक्रवार को मनाया जा रहा है।
15 अगस्त को सभी मीट और चिकन की दुकानें बंद रखने का तुगलकी फरमान जारी करने वाले सभी नगर निगम आयुक्तों को 15 अगस्त को दोपहर 1 बजे मेरे आवास पर आयोजित चिकन बिरयानी और मटन कोरमा पार्टी में शामिल होने का निमंत्रण। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री @Dev_Fadnavis भी इस अवसर पर उपस्थित… pic.twitter.com/kFQ8etEFgf
— Imtiaz Jaleel (@imtiaz_jaleel) August 14, 2025
छत्रपति संभाजीनगर महानगरपालिका ने मंगलवार को शहर की सीमा के भीतर बूचड़खानों और मांस बेचने वाली दुकानों को 15 तथा 20 अगस्त इन दो दिनों में बंद करने की घोषणा की। आदेश के अनुसार, 15 अगस्त को गोकुल अष्टमी के अवसर पर बूचड़खानों और मांस की दुकानों को बंद रखने का निर्देश दिया गया है।
जबकि जैन समुदाय का प्रमुख त्योहार पर्यूषण पर्व शुरू होने के मद्देनजर 20 अगस्त के लिए भी यही आदेश जारी किया गया है। एआईएमआईएम के नेता और पूर्व सांसद जलील ने कहा, ‘‘मैंने शाकाहारी व्यंजन के साथ चिकन बिरयानी भी बनाई है। अगर नगर आयुक्त आकर शाकाहारी भोजन मांगेंगे, तो मैं उन्हें ये पेश करूंगा। लेकिन सरकार हमें यह न बताए कि हमें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।’’
इस मुद्दे पर फडणवीस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री ने आयुक्त को आदेश वापस लेने का निर्देश दिया होता तो मामला वहीं खत्म हो गया होता। जब उनसे कहा गया कि गोकुल अष्टमी के मद्देनजर मांस पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है, तो उन्होंने पूछा, ‘‘क्या यह त्योहार कुछ जिलों में ही मनाया जा रहा है? पूरे राज्य में हिंदू इसे मना रहे हैं।
अगर सरकार ने इस संबंध में कोई नीति अपनाई होती, तो हम इसका सम्मान करते।’’ जलील ने पूछा, ‘‘कुछ बहुत ज्यादा उत्साहित नगर आयुक्त हैं जिन्होंने सरकार को खुश करने के लिए ये आदेश जारी किए हैं... मुसलमानों के सिर्फ़ दो त्योहार हैं (रमज़ान और बकरीद)। क्या सरकार मुस्लिम समुदाय के इन दो त्योहारों पर शराब की दुकानें बंद करेगी?’’
इसके साथ ही नागपुर, नासिक, मालेगांव में भी नगर निगमों ने इसी तरह के आदेश जारी किए, जिससे विवाद उपज गया है। विपक्षी दलों ने भी इस पहल की आलोचना की है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तर्क दिया है कि स्वतंत्रता दिवस पर बूचड़खाने बंद रखने की नीति पहली बार 1988 में लागू की गई थी।
जब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद पवार) अध्यक्ष शरद पवार मुख्यमंत्री थे। भाजपा ने जानना चाहा कि क्या विपक्ष इस बारे में अनुभवी राजनेता से सवाल करेगा। मुख्यमंत्री फडणवीस ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार लोगों के भोजन विकल्पों को नियंत्रित करने में रुचि नहीं रखती है और उन्होंने बूचड़खानों को बंद करने के विवाद को अनावश्यक विवाद बताया।