वैशालीः 2080 छात्राओं का नामांकन, सिर्फ 600 सीट, नीतीश सरकार में शिक्षा व्यवस्था की खुली पोल, टीचर्स ने हाथ जोड़कर 1200 छात्राओं को घर भेजा, देखें तस्वीरें
By एस पी सिन्हा | Published: September 13, 2023 03:54 PM2023-09-13T15:54:03+5:302023-09-13T15:54:56+5:30
बिहारः स्कूल की बदहाली से नाराज लड़कियां आज सड़क पर उतर गई हैं। स्कूल में बैठने की व्यवस्था तक नहीं है और छात्राओं को पढ़ाने का दावा किया जाता है।

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पटनाः बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर लंबे चौडे दावे किए जाते हैं। लेकिन उनके दावों की पोल खोलने वाली तस्वीर वैशाली जिले के महनार से सामने आई है, जहां स्कूल में बैठने की व्यवस्था तक नहीं है और छात्राओं को पढ़ाने का दावा किया जाता है।
महनार गर्ल्स हाईस्कूल में बैठने की जगह नहीं होने पर दूसरे दिन भी हंगामे की स्थिति रही। हाल यह है कि इस स्कूल में 2080 छात्राओं का नामांकन किया गया है, जबकि सिर्फ 600 छात्राओं के ही बैठने की व्यवस्था है। हर दिन छात्राओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हाल यह है कि स्कूल की बदहाली से नाराज लड़कियां आज सड़क पर उतर गई हैं।
आज दूसरे दिन भी छात्राएं आक्रोशित रहीं। आक्रोशित छात्र-छात्राओं का कहना है कि जब स्कूल में बैठने की जगह ही नहीं है तो सरकार उन्हें स्कूल आने पर बाध्य क्यों कर रही है? सरकार को पहले स्कूल में बैठने का इंतजाम करना चाहिए और फिर आदेश निकालना चाहिये। छात्राओं का कहना है कि सरकार के द्वारा 75 प्रतिशत उपस्थिति को अनिवार्य कर दिया गया है, जबकि स्कूल में बैठने की जगह तक नहीं है।
उनका कहना है कि वे दूर दराज से काफी परेशानी का सामना कर स्कूल पहुंचती हैं, लेकिन यहां बैठने की जगह उन्हें नहीं मिल पाती है, स्कूल में उन्हें पढ़ाया नहीं जा रहा है बल्कि सिर्फ परेशान किया जा रहा है। आज स्कूल में 10 छात्राएं गर्मी की वजह से बेहोश हो गईं। सुबह 9.30 बजे प्रेयर के बाद टीचर्स ने हाथ जोड़कर करीब 1200 छात्राओं को घर भेज दिया।
शिक्षकों ने बताया कि स्कूल में कुल 2083 छात्राओं का एडमिशन है, जबकि बैठने की क्षमता सिर्फ 600 की ही है। हाल में शिक्षा विभाग ने व्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर कई सारे आदेश दिए हैं। स्कूल में 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य की है। 75 फीसदी उपस्थिति नहीं रहने पर सरकार ने छात्रों को मिलने वाली सुविधा, जैसे- पोशाक योजना, साइकिल योजना, छात्रवृत्ति और फॉर्म से वंचित कर दिया है।
इसकी वजह से सभी छात्राएं स्कूल पहुंचने लगी हैं और स्कूल में बैठने की व्यवस्था ही नहीं है। इसी से नाराज होकर छात्राओं ने जमकर हंगामा किया। स्कूल में आज गर्मी की वजह से कुछ बच्चियां बेहोश हो गईं। भीड़ की वजह से क्लास चलते-चलते भी कई बच्चियां बेहोश होती देखी गईं। इसके बाद बुधवार को एक शिक्षक गेट पर खड़े होकर छात्राओं से घर वापस लौटने के लिए कहते दिखे।
उनका कहना था कि हमारे यहां व्यवस्था नहीं है। आप घर चले जाइए। हाजिरी लगवाकर छात्राएं भी अपने घर जाती दिखीं। प्रभारी प्रधानाध्यापक मुकेश कुमार सिंह ने कहा कि स्कूल में 2083 छात्राएं नामांकित हैं, लेकिन बैठने की क्षमता कम की ही है। स्कूल में बैठने के लिए जगह नहीं है।