योगी राज में मिड-डे मील के नाम पर बच्चों को दी जा रही है नमक रोटी, वीडियो वायरल होने के बाद हरकत में प्रशासन
By पल्लवी कुमारी | Published: August 23, 2019 12:06 PM2019-08-23T12:06:47+5:302019-08-23T12:07:14+5:30
मिड-डे मील में लापरवाही: उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक राज्य भर में 1.5 लाख से अधिक विद्यालयों में मिड-डे मील मिला दिया जा रहा है। जिसमें दाल-रोटी, चावल और हरी सब्जी शामिल है। यूपी सरकार का लक्ष्य है कि मिड-डे मील का लाफ राज्य में तकरीबन एक करोड़ से अधिक बच्चों को मिले।
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में एक प्राथमिक स्कूल में मिड-डे मील के नाम पर तकरीबन 100 बच्चों को नमक रोटी दी जा रही है।बच्चों को नमक रोटी दिने जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। वीडियो के वायरल होने के बाद मिर्जापुर प्रशासन हरकत में आया है। मामले की जांच करते हुये स्कूल के दो शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। मिड-डे मील की शुरुआत इसलिए की गई थी कि ताकी स्कूल के बच्चों को संतूलित आहार मिल सके।
बच्चों को नमक बांटने की घटना मिर्जापुर जिले के जमालपुर ब्लॉक के सियूर प्राथमिक स्कूल में हुई। वायरल वीडियो में दिख रहा है कि बच्चे जमीन पर बैठकर रोटी नमक खाते हुये दिख रहे हैं। उनके हाथों में रोटी है और थाली में सिर्फ नमक। मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि इस स्कूल में ज्यादातर दिन बच्चों को या तो रोटी नमक दिया जाता है या फिर नमक चावल।
That's roti with table salt for midday meal in a government school. Now one may argue the veracity of this video, but 4 things they can't refute:
— Amit Schandillia (@AmitSchandillia) August 23, 2019
They're kids.
In school uniform.
It IS roti and salt.
The venue IS a school.
(Tagging @free_thinker)
Credit: @Brijendramzppic.twitter.com/w29RxtBgvS
मिड-डे मील में लापरवाही के लिए दो शिक्षकों को किया गया निलंबित
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि मिड-डे मील के डाइट के मुताबिक इस स्कूल में कभी भी खाना नहीं आता है। नाही स्कूल में दूध आता है और ना ही हरी सब्जियां और फल आता है। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुये जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने बच्चों को नमक और रोटी बांटने के आरोपी शिक्षकों मुरारी और अरविंद त्रिपाठी को सस्पेंड कर दिया है। जिलाधिकारी ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी किया गया है।
Mirzapur: Students at a primary school in Hinauta seen eating 'roti' with salt in mid-day meal. District Magistrate Anurag Patel says, "negligence happened at teacher & supervisor's level. The teacher has been suspended. A response has been sought from supervisor" pic.twitter.com/i8rgtJO5xc
— ANI UP (@ANINewsUP) August 22, 2019
उत्तर प्रदेश सरकार का दावा- राज्य भर में 1.5 लाख से अधिक स्कूलों में दिया जा रहा है मिड-डे मील
उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक राज्य भर में 1.5 लाख से अधिक प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में मिड-डे मील मिला दिया जा रहा है। एक करोड़ से अधिक बच्चों को योजना का लाभ दिया जाना है।
क्या है मिड-डे मील योजना
मिड-डे मील केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। मिड-डे मील सरकारी स्कूलों में बच्चों को एक वक्त का दोपहर का खाना दिया जाता है। मिड-डे मील का डाइट इस तरह तैयार किया गया है, जो कि एक बच्चे के लिए संतूलित आहार है। जिसमें सारे पोषक पदार्थ का ध्यान रखा गया है। यह योजना पूरे देश के सरकारी स्कूलों में चल रही है। मिड-डे मील के चार्ट के मुताबिक बच्चों को हफ्ते में एक दिन फल और दूध दिया जाना होता है। इसके अलाना पनीर, सोयाबीन जैसी चीजें सब्जियों में शामिल करने का भी प्रावधान है।