गॉड ऑफ ऑनर के दौरान डोनाल्ड ट्रंप के पीछे दिखे प्रेसिडेंट्स बॉडीगॉर्ड, 247 साल पुरानी है भारतीय राष्ट्रपति की सेना, जानें इतिहास

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 25, 2020 11:17 AM2020-02-25T11:17:47+5:302020-02-25T11:19:44+5:30

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति भवन में गॉड ऑफ ऑनर दिया गया, इस दौरान प्रेसिडेंट्स बॉडीगार्ड (PBG) भी मौजूद थे.

Trump inspects Guard of Honour at Rashtrapati Bhavan know about president bodyguard | गॉड ऑफ ऑनर के दौरान डोनाल्ड ट्रंप के पीछे दिखे प्रेसिडेंट्स बॉडीगॉर्ड, 247 साल पुरानी है भारतीय राष्ट्रपति की सेना, जानें इतिहास

मंगलवार (25 फरवरी) को राष्ट्रपति भवन में यूएस प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप को गॉड ऑफ ऑनर दिया गया. (एएनआई फोटो)

Highlightsप्रेसिडेंट्स बॉडीगार्ड (PBG) बनने के लिए आपकी ऊंचाई कम से कम 6 फुट तीन इंच से ऊपर होनी चाहिए.प्रेसिडेंट्स बॉडीगार्ड इंडियन आर्मी की ही एक टुकड़ी है जो राष्ट्रपति की सुरक्षा के जिम्मे के साथ समारोहों में भी हिस्सा लेती है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप का मंगलवार (25 फरवरी) को राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। इस दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने तीनों सेनाओं की मिली जुली टुकड़ी से गॉड ऑफ ऑनर मिला। वहीं राष्ट्रपति भवन में हमेशा मौजूद रहने वाले प्रेसिडेंट्स बॉडीगार्ड (Presidents Bodyguard) भी मुस्तैद दिखे। भारतीय राष्ट्रपति के पास दुनिया की आखिरी घुड़सवार टुकड़ी है जिसे राष्ट्रपति के अंगरक्षक या प्रेसिडेंट बॉडीगार्ड भी कहा जाता है।

247 साल पहले हुआ प्रेसिडेंट्स बॉडीगार्ड का गठन

प्रेसिडेंट्स बॉडीगार्ड (PBG) यानि पीबीजी का स्वरूप और इतिहास काफी पुराना है। पीबीजी का मौजूदा स्वरूप 1773 में ब्रिटिश गर्वनर वॉरेन हेस्टिंग्स ने बनाया था। हेस्टिंग्स ने पहले से मौजूद टुकड़ी से 50 सिपाहियों को चुना। उन्हें मुगल हॉर्स भी कहा जाता था। पीबीजी के इतिहास में कई बार इसका नाम बदला गया। 1947 में आजादी के बाद पीबीजी की एक टुकड़ी पाकिस्तान चली गई। 1950 में भारत में मौजूद टुकड़ी को President's Bodyguard का नाम दिया गया।

घुड़सवार की आखिरी फौज बनी पीबीजी

राष्ट्रपति के अंगरक्षक (पीबीजी) दुनिया की आखिरी बची घुड़सवारों की फौज ( cavalry) है। 2013 में टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार पीबीजी में 86 घोड़े हैं। 2017 में पीबीजी में 222 लोग थे जिसमें चार अधिकारी और 20 जेसीओ शामिल थे। वर्तमान में आधिकारिक आंकड़ा स्पष्ट नहीं है। पिछले साल ही प्रेसिडेंट्स बॉडीगार्ड की बहाली निकली थी। प्रेसिडेंट्स बॉडीगार्ड का मुखिया कर्नल या ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी होते हैं। इसे भारतीय सेना की एक टुकड़ी ही माना जाता है।

प्रेसिडेंट्स बॉडीगार्ड का काम

भारतीय राष्ट्रपति तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर होते हैं। उनकी सुरक्षा सेना के तीनों अंगों के जवान ही करते हैं।  प्रेसिडेंट्स बॉडीगार्ड्स का काम वैसे तो राष्ट्रपति की रक्षा ही करना है लेकिन विभिन्न समारोह और परेड में इन्हें देखा जाता है। इनकी नियुक्ति में  जाट, राजपूत और जाट सिख को ही प्रमुखता दी जाती है। इस पर पिछले कुछ सालों से चर्चा छिड़ी हुई है कि सभी जातियों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। 

3 अरब डॉलर के रक्षा सौदे पर लग सकती है मुहर

इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया की अगवानी की। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में ट्रंप की पुत्री इवांका, दामाद जेरेड कुशनेर एवं अनेक अमेरिकी अधिकारी मौजूद थे। अमेरिकी राष्ट्रपति के भारत दौरे पर सामरिक समझौते की उम्मीद बन रही है। इसका संकेत खुद राष्ट्रपति ट्रंप ने दिया है। अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में सोमवार (24 फरवरी) को आयोजित ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति ने घोषणा की कि तीन अरब डॉलर कीमत के अत्याधुनिक सैन्य हेलीकाप्टर और अन्य उपकरणों के लिए मंगलवार को समझौते किए जाएंगे।
 

Web Title: Trump inspects Guard of Honour at Rashtrapati Bhavan know about president bodyguard

ज़रा हटके से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे