मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय का सुझाव, दिल्ली की भीड़ से चीन की तरह निपटे, थियानमेन चौक गोलीकांड का उदाहरण दे डाला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 28, 2020 12:55 IST2020-02-28T12:13:22+5:302020-02-28T12:55:38+5:30

मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय अक्सर अपने विवादित भाषणों या ट्वीट के लिए चर्चा में रहते हैं. इस बार दिल्ली में हो रहे घटनाओं पर तथागत रॉय ने भीड़ से निपटने के लिए चीन का उदाहरण दे दिया. हालांकि विवाद बढ़ता देख राज्यपाल ने अपने ट्वीट को डिलीट करने की घोषणा की है.

Tathagata Roy Suggests Tiananmen Square treatment for Delhi Violence | मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय का सुझाव, दिल्ली की भीड़ से चीन की तरह निपटे, थियानमेन चौक गोलीकांड का उदाहरण दे डाला

विवाद बढ़ता देख तथागत रॉय ने चीन वाला ट्वीट डिलीट कर दिया है. (फाइल फोटो)

Highlightsमेघायल के राज्यपाल तथागत रॉय ने अपने ट्विटर प्रोफाइल में खुद को दक्षिणपंथी हिंदू सामाजिक राजनीतिक चिंतक, लेखक और विचारक भी बताया है. राज्यपाल बनने से पहले तथागत रॉय पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

विवादित ट्वीट और भाषणों के लिए चर्चित मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई अशांति से निपटने के लिए चीन का उदाहरण दे डाला है। 26 फरवरी को राज्यपाल तथागत रॉय ने एक ट्वीट करके सुझाव दिया कि दिल्ली में हो रही गड़बड़ी से निपटने के लिए चीन की थियानमेन चौक की घटना से सीख ली जा सकती है। 4 जून 1989 में बीजिंग में थियानमेन चौक पर चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने प्रदर्शन कर हजारों लोकतंत्र समर्थकों को मार डाला था।

रॉय ने बुधवार (26 फरवरी) को एक ट्वीट किया, ''1988 के बीजिंग में थियानमेन चौक की घटना याद है? याद है कि डेंग जियाओपिंग कैसे निपटे थे? शायद एक सीख हो सकती है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में गड़बड़ी से कैसे निपटें। मुझे पता है सारे कॉमरेड इससे सहमत होंगे। बाद में तथागत रॉय ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया। इस मसले पर जब पत्रकारों ने राज्यपाल से सवाल पूछा तो उन्होंने अपने ट्वीट का बचाव करते हुए कहा कि ''उस ट्वीट में क्या है। मैं उसपर भ्रमजाल में नहीं पड़ना चाहता।"

इसके अलावा 28 फरवरी को तथागत रॉय ने एक और ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, थियानमेन चौक पर मेरे ट्वीट के बाद कई कार्ड होल्डर वामपंथियों से लेकर वहां की यात्रा करने वाले और विविध दूसरे कॉमरेड ठेस पहुंचाने वाले बात कहते हुए शोर मचा रहे हैं। इसलिए उनकी इस निर्बल चिंता को देखते हुए मैंने अपने ट्वीट डिलीट कर दिये हैं, आखिरकार वे भारतीय हैं, क्या वे नहीं हैं?

Comrades of different hues,from card-holding communists to fellow-travellers,are making strange hurt noises after my tweet on Tienanmen Square in the capital of their fatherland. So,out of tender concern for them I have deleted my tweet-after all they are Indian,aren’t they!

— Tathagata Roy (@tathagata2) February 28, 2020

जानें 4 जून 1989 को बीजिंग की सड़कों पर क्या हुआ था

चीन में छात्रों का आंदोलन कई महीनों से चल रहा था। छात्र राजधानी बीजिंग के थियानमेन चौक पर हजारों की संख्या में जमा थे। चार जून दोपहर एक बजे के करीब चीनी सैनिक थियानमेन चौक पर पहुंच गये। सैनिकों को शाम छह बजे तक चौक खाली कराने का आदेश दिया गया था। सैनिकों ने प्रदर्शनकारियों को वहाँ से जाने या अंजाम भुगतने की चेतावनी दी। छात्रों ने इस मसले पर मतदान किया और छात्र नेता फेंग कोंगडे ने नतीजा सुनाते हुए बताया कि ज्यादा वोट थियानमेन चौक खाली करने के पक्ष में पड़े हैं। इसके बाद छात्रों ने चौक खाली कर दिया। लेकिन कुछ ही घंटों बाद कुछ प्रदर्शनकारी दोबारा थियानमेन चौक पर इकट्ठा होने लगे। वापस जाने की चेतावनी की अनदेखी करने के बाद चीनी सैनिकों ने उनपर गोली चली दी। माना जाता है कि कई प्रदर्शनकारी उसी वक़्त मारे गये। उसके बाद अगले कई घंटों तक सैनिकों ने कई राउंड गोलीबारी की। 

चीन के रेडक्रास सोसाइटी ने पहले-पहल मरने वालों की संख्या 2600 बतायी। चीन सरकार के अनुसार सैनिकों समेत 241 लोगों की मौत हुई थी और सात हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे। गैर-सरकारी आंकड़ों के अनुसार मरने वालों की संख्या कुछ हजार से 10 हजार तक थी।

4 जून 1989 को चीन के थियानमेन चौक पर मारे गए थे 10 हजार नौजवान!

Web Title: Tathagata Roy Suggests Tiananmen Square treatment for Delhi Violence

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