नई दिल्ली: 14 जून की रात पूर्णिमा के मौके पर आसमान में खूबसूरत नजारा लोगों ने देखा। चंद्रमा अपनी कक्षा में पृथ्वी के अपने निकटतम बिंदु पर था। ऐसे में ये ज्यादा बड़ा और चमकीला नजर आया। चंद्रमा के इस तरह नजर आने को 'स्ट्रॉबेरी मून' भी कहा जाता है। भारत में ये शानदार नजारा खुली आंखों से शाम 5.22 देखा गया। मंगलवार को चंद्रमा पृथ्वी से 222,238 मील के दायरे में आ गया था। इसलिए ये किसी 'सूपरमून' जैसा नजारा था जो ज्यादा बड़ा और चमकीला था। इस नजारे के देखने के बाद कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें भी साझा की।
नासा के अनुसार, एक सुपरमून वर्ष के सबसे कमजोर चंद्रमा (जब चांद पृथ्वी से सबसे दूर होता है) की तुलना में 17% बड़ा और 30% चमकीला दिखाई देता है। सुपरमून दुर्लभ होते हैं और साल में तीन से चार बार नजर आते हैं।
जहां तक स्ट्रॉबेरी मून नाम की बात है तो ऐसा नहीं है कि ऐसे मौके पर चंद्रमा स्ट्रॉबेरी की तरह दिखता है और न ही यह गुलाबी रंग का होता है। दरअसल, उत्तरपूर्वी अमेरिका और पूर्वी कनाडा में अल्गोंक्विन मूल अमेरिकी जनजाति द्वारा 'फूल मून' को यह नाम दिया गया है।
यह क्षेत्र में स्ट्रॉबेरी की कटाई के मौसम को दिखाता है न कि चंद्रमा के रंग को। इस नाम (स्ट्रॉबेरी मून) का इस्तेमाल आमतौर पर अल्गोंक्विन, ओजिब्वे, डकोटा और लकोटा लोगों द्वारा किया जाता है।