गूगल सीईओ सुंदर पिचाई ने H-1B वीजा पर रोक पर जताई निराशा, लोगों ने कहा- सही फैसला, हम एक और सुंदर पिचाई को देश से बाहर नहीं जाने दे सकते
By सुमित राय | Published: June 24, 2020 04:37 PM2020-06-24T16:37:17+5:302020-06-24T16:37:17+5:30
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एच-1बी वीजा पर अस्थाई रोक के फैसले पर निराशा जताई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा तथा अन्य विदेश कार्य वीजा पर अस्थाई रोक लगा दी है, जिसके बाद सर्च इंजन गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने निराशा व्यक्त की। सुंदर पिचाई ने कहा कि वह आव्रजकों के साथ हैं और सभी के लिए अवसर पैदा करने के लिए काम करेंगे।
सुंदर पिचाई ने ट्वीट किया, "आव्रजन ने अमेरिका की आर्थिक सफलता में बहुम योगदान दिया है और प्रौद्योगिकी में उसे वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनाया है, साथ ही गूगल को ऐसी कंपनी बनाया है जो वह आज है। आज की घोषणा से निराश हूं - हम आव्रजकों के साथ हैं और सभी के लिए अवसर पैदा करने के लिए काम करते रहेंगे।"
Immigration has contributed immensely to America’s economic success, making it a global leader in tech, and also Google the company it is today. Disappointed by today’s proclamation - we’ll continue to stand with immigrants and work to expand opportunity for all.
— Sundar Pichai (@sundarpichai) June 22, 2020
सुंदर पिचाई के इस ट्वीट का कई लोगों ने समर्थन किया और भेदभाव के मुद्दे को उठाया। इस बीच कई लोगों ने कहा कि भारत को इस फैसले का स्वागत करना चाहिए, ताकि भारत के लोग भारत में रहकर देश के लिए काम कर सकें।
कौशल झा नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा, "सर, हमें एक भारतीय के रूप में इस फैसले का स्वागत करना चाहिए। क्योंकि भारत अगले सुंदर पिचाई को खोने का जोखिम नहीं उठाएगा, जो दूसरों के लिए काम करे।"
Sir,
— Kaushal Jha (@Kaushal48362501) June 23, 2020
We as an Indian should welcome this decision. Because india will not afford to loose next Sundar pichai who will work for others. Yes for short term we loose foreign remittances. But 100 times more can be generated by our great talent if we able to retain theme in India.
तेजश्री नाम की यूजर ने लिखा, "आपने जो हासिल किया है उस पर हमें गर्व है और आप पर गर्व है! यकीन है कि आप हमारे साथ सहमत हैं कि ऐसे और भी लोग हैं जो ग्रीन कार्ड बैकलॉग में आपकी तरह बढ़ सकते हैं। आपसे अनुरोध है कि आप मदद के लिए हाथ बटाएं और उन्हें वह टूलसेट दें, जिसे आपको विकसित किया है।"
We are proud of what you have achieved and take pride in you! Am sure you agree with us that there are way more people who can grow like you in #GCBacklog. Request you to Lend a helping hand and give them the toolset you had to grow. Support & speak out for #S386
— Thejasree (@ThejasreePra) June 22, 2020
मदन कुमार नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, "मेरे प्यारे उच्च कुशल भारतीयों, कृपया इंडिया वापस आएं। चलिए फिर से भारत को महान बनाते हैं।"
My dear high skilled Indians, please come back to 🇮🇳.
— Madan Kumar (@madansandiri) June 23, 2020
Let's make India great again.
एलिस जी वेल्स ने भी किया विरोध
ट्रंप प्रशासन में दक्षिण और मध्य एशिया के लिए प्रमुख राजनयिक रहीं एलिस जी वेल्स ने भी इस कदम का विरोध किया है। उन्होंने कहा, 'एच1-बी वीजा कार्यक्रम के जरिए सर्वश्रेष्ठ और उत्कृष्ट को आकर्षित करने की क्षमता ने अमेरिका को अधिक सफल और लचीला बनाया है। विदेशी प्रतिभाओं को बांधने की कला जानना अमेरिका की ताकत है कमजोरी नहीं।'
इस साल के अंत तक H1-B वीजा को सस्पेंड
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल के अंत तक के लिए H1-B वीजा को सस्पेंड कर दिया है। यह खासकर भारत समेत दुनिया भर के आईटी प्रोफेशनल के लिए बड़ा झटका है। ट्रंप प्रशासन इससे पहले अप्रैल में नए ग्रीन कार्ड जारी करने पर भी पाबंदी लगा चुका है। ये पहले 60 दिनों तक लागू था, लेकिन इसे भी बढ़ाकर साल के अंत तक के लिए लागू कर दिया गया है। नवंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव से पहले आधिकारिक घोषणा जारी कर, ट्रंप ने विभिन्न संगठनों, सांसदों और मानवाधिकार निकायों द्वारा आदेश के खिलाफ बढ़ते विरोध को नजरअंदाज किया है।