CAA का विरोध कर रहे लोगों को सिख ने खिलाया लंगर और पिलाई चाय, वायरल वीडियो देख लोग बोले- इसलिए कहते हैं 'सिंह इज किंग'
By पल्लवी कुमारी | Updated: December 18, 2019 13:00 IST2019-12-18T13:00:30+5:302019-12-18T13:00:30+5:30
दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में रविवार को उस वक्त जंग के मैदान में तब्दील हो गया था जब पुलिस परिसर में घुस आई थी और वहां बल प्रयोग किया था।

तस्वीर स्त्रोत- ट्विटर
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र पिछले 15 दिसंबर से नागरिकता कानून को लेकर विरोध कर रहे हैं। छात्रों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों छात्रों का सपोर्ट कर रहे हैं। लेकिन इसी बीच लपान प्रदान करने वाले खालसा एड स्वयंसेवकों का एक दिल छू लेने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दिख रहा है कि सिख समुदाय विरोध कर रहे लोगों को लंगर खिला रहे हैं। इस वीडियो को कई ट्विटर यूजर ने शेयर किया है और सिख समुदाय की तारीफ कर रहे हैं।
ट्विटर यूजर @Hussain_Md_ ने 15 सेकंड का एक वीडियो ट्वीट किया है। जिसमें देखा जा सकता है कि स्वयंसेवकों को राजधानी में विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों को चाय पिलाते हुए दिख रहे हैं। वीडियो को शेयर कर यूजर ने लिखा है, "यही कारण है कि लोग इन्हें 'सिंह इज किंग' कहते हैं। ये असली हीरो हैं। चाय पिलाते हुए यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो वायरल होते ही लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं।
This is why we call Singh is King... Here is video of Sikh brothers who arranged chai langar in India Gate for protestors... Truly Heroes ✊✌️ https://t.co/M8UYTQUyBGpic.twitter.com/iaqm81QrP3
— Saddam صدام (@Hussain_Md_) December 16, 2019
In the cold nights of Delhi, Sikhs of @Khalsa_Aid are providing hot tea, chai langar to students and citizens protesting at the India Gate.#CAAProtests#CAB#Modi_Divider_In_Chiefpic.twitter.com/BeNHSPeTxt#CAAProtests
— Hanief Manzoor Dar (@haniefdar) December 17, 2019
दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के पास हुई हिंसा में कथित तौर पर शामिल आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि आरोपियों को सोमवार की रात गिरफ्तार किया गया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक गिरफ्तार किए गए लोगों में कोई भी छात्र नहीं है।
विश्वविद्यालय में रविवार को उस वक्त जंग के मैदान में तब्दील हो गया था जब पुलिस परिसर में घुस आई थी और वहां बल प्रयोग किया था। दरअसल, संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा और आगजनी हुई थी जिसमें चार डीटीसी बसों, 100 निजी वाहनों और 10 पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया जिसके बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 12 दिसंबर को नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसके बाद यह एक कानून बन गया है। एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने के साथ ही यह कानून लागू हो गया है। इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी।