सासारामः बिहार के रोहतास जिले के बिक्रमगंज अनुमंडल क्षेत्र में एक अजीबोगरीब घटना सामने आया है। चोरों ने शुक्रवार को 60 फीट लंबे लोहे पुल की चोरी की है। पुलिस के अनुसार, चोर जेसीबी, पिकअप वैन, गैस कटर और वाहनों के साथ पहुंचे और 3 दिन में पूरे पुल को काट दिया और गायब हो गए।
लोहे का पुल 1972 के आसपास अमियावर में आरा नहर पर बनाया गया था। 60 फीट लंबा पुल जर्जर हो गया था। सुनने में आपको अजीब लगेगा कि चोरों ने दिन दहाड़े पुल को चुरा लिया। सबसे बड़ी बात यह है कि चोर अधिकारी बनकर आए थे। तीन दिन तक बिहार पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी।
बिहार के सासाराम जिले में खुद को सरकारी अधिकारी बताने वाले कुछ लोग 60 फुट लंबा इस्पात का पुल खोलकर ले गए। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि 500 टन वजनी इस पुल का निर्माण नसरीगंज थानाक्षेत्र के अमियावर गांव में अर्राह नहर पर 1972 में हुआ था।
उन्होंने बताया कि चोरों के समूह में शामिल लोगों ने खुद को सिंचाई विभाग के अधिकारी बताकर तीन दिन के दौरान खराब पड़े पुल को गैस-कटर और अन्य उपकरणों की मदद से काटकर अलग किया। नसरीगंज थाने के प्रभारी सुभाष कुमार ने कहा कि कुछ संदेह होने पर स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी।
पुलिस ने कहा कि विभागीय अधिकारी होने के बहाने उन्होंने स्थानीय कर्मियों की मदद भी ली। दिनदहाड़े समान लेकर चलते बने। सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता (जेई) अरशद कमल शमशी ने कहा कि ग्रामीणों ने बताया कि कुछ लोग सिंचाई विभाग के अधिकारी के बहाने जेसीबी मशीनों और गैस कटर की मदद से इसे पूरी तरह से उखाड़ फेंका।
60 फीट लंबा और 12 फीट ऊंचे पुल के गायब हो जाने से हर कोई हैरान है। विभागीय अधिकारी नासरीगंज पुलिस स्टेशन ले गए और उन्होंने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है। चूंकि इस तरह के निर्माण और मरम्मत कार्य धीमी गति से होते हैं, इसलिए विभाग ने हमें पहले सूचित करने के लिए एक नोटिस तैयार किया होगा।
हालांकि, तब तक चोर पुल का सामान लेकर फरार हो चुके थे। उन्होंने कहा, ''ऐसा प्रतीत होता है कि सिंचाई विभाग के स्थानीय अधिकारियों की अनभिज्ञता के चलते इस पूरी घटना को अंजाम दिया जा सका।'' कुमार ने कहा कि इस मामले में मुकदमा दर्ज कर घटना को अंजाम देने वालों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिले के कबाड़ कारोबारियों को भी सतर्क किया गया है। अमियावर गांव के निवासी मंटू सिंह ने कहा, '' यह पुल काफी पुराना था और कुछ समय पहले इसे खतरनाक घोषित किया गया था। पुराने पुल के बराबर में ही एक नये पुल का निर्माण किया गया था, जिसका जनता उपयोग कर रही है।''
इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि चोर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा नेताओं से प्ररित थे। उन्होंने कहा, '' यदि भाजपा और नीतीश कुमार बिहार की सरकार को चोरी कर सकते हैं तो पुल क्या है?'' तेजस्वी यादव का इशारा 2017 में राजद से बठबंधन तोड़कर जदयू का भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने की ओर था।