चमत्कार! मौत के 45 मिनट फिर से जिंदा हुआ शख्स, डॉक्टर भी रह गए दंग

By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Published: November 17, 2020 10:52 AM2020-11-17T10:52:23+5:302020-11-17T11:28:42+5:30

अमेरिका में ऐसा चमत्कार हुआ, जिसने सभी को दंग कर दिया है। यहां मौत के 45 मिनट बाद एक शख्स फिर से जीवित हो गया...

Rescued hiker 'dead’ for 45 minutes miraculously on road to recovery | चमत्कार! मौत के 45 मिनट फिर से जिंदा हुआ शख्स, डॉक्टर भी रह गए दंग

हॉस्टिपल में इलाज के दौरान माइकल नेपिंस्की।

Highlightsअमेरिका में हुआ चमत्कार।मौत के 45 मिनट बाद जीवित हुए माइकल नेपिंस्की।डॉक्टर भी रह गए दंग।

मरने के बाद क्या होता है? हर कोई यह जानने को उत्सुक है, लेकिन एक शख्स मौत के 45 मिनट बाद फिर से जीवित हो गया। जी हां, ये घटना हैरान करने वाली जरूर है, लेकिन बिल्कुल सच है। 45 साल के माइकल नेपिंस्की का अनुभव ऐसा ही रहा है। वह मौत के 45 मिनट बाद फिर से जीवित हो गए, जिसने डॉक्टरों को भी दंग कर दिया।

7 नवंबर को लापता हुए थे माइकल नेपिंस्की

45 वर्षीय माइकल नेपिंस्की 7 नवंबर को माउंट रेनियर नेशनल पार्क में थे। जहां भारी बर्फबारी के चलते वह अपने दोस्तों के साथ बिछुड़ गए। जब माइकल पहाड़ से नहीं लौटा, तो एक बचाव दल भेजा गया। इसके बाद माइकल की खोज शुरू हुई। एक दिन बाद बचाव दल ने बर्फ में दबे माइकल को मृत पाया।

हॉस्पिटल पहुंचकर दिल ने धड़कना बंद कर दिया

माइकल को हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट किया गया। उस वक्त उनकी पल्स चल रही थी, लेकिन हॉस्पिटल पहुंचने के बाद दिल ने धड़कना बंद कर दिया। अस्पताल में उनके दिल ने 45 मिनट तक काम नहीं किया, जिसके बाद उन्हें सीपीआर/ईसीएमओ मशीन की मदद से वापस जीवित कर दिया गया।

माइकल नेपिंस्की का दिल 45 मिनट तक धड़कना बंद कर चुका था।
माइकल नेपिंस्की का दिल 45 मिनट तक धड़कना बंद कर चुका था।

डॉक्टरों के साथ माइकल के परिजन भी इस घटना से स्तब्ध थे। वापस जीवन पाकर माइकल ने कहा, "मौत के मुंह से बाहर आना एक बुरे सपने की तरह था। डॉक्टर ने मुझे नया जीवन दिया है। अब मैं इस जीवन को दूसरों को समर्पित करना चाहता हूं।"

क्या है ECMO मशीन

एक्सट्रॉस्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (ECMO) की मदद से, रक्त को हृदय और फेफड़ों के माध्यम से शरीर से बाहर पंप किया जाता है। यह कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ता है और शरीर में ऑक्सीजन से भरे ऊतकों को भेजता है।

एक्सट्रॉस्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन मशीन की कार्यप्रणाली।
एक्सट्रॉस्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन मशीन की कार्यप्रणाली।

कोरोना के मरीजों के भी इस मशीन से हो रहा उपचार

इस पद्धति का उपयोग कोरोना के साथ कई रोगियों के इलाज के लिए किया जा रहा है। यह बहुत महंगा और जोखिम भरा इलाज है। बता दें कि ये मशीन मशीन संयुक्त राज्य अमेरिका के लगभग 264 अस्पतालों में भी उपलब्ध है।

Web Title: Rescued hiker 'dead’ for 45 minutes miraculously on road to recovery

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