मेरठ के यात्री को बेचा एक हजार साल बाद का टिकट, कोर्ट ने रेलवे पर लगाया जुर्माना
By कोमल बड़ोदेकर | Published: June 15, 2018 10:25 AM2018-06-15T10:25:35+5:302018-06-15T10:33:16+5:30
भारतीय रेलवे ने मेरठ के एक प्रोफेसर विष्णु कांत को आज से 1 हजार साल बाद यानी साल 3013 का टिकट दिया।
नई दिल्ली, 15 जून। भारत में ट्रेनों का लेट होना आम सी बात हो गई है। कई बार तो ट्रेने पूरे एक दिन लेट हो जाती है यहां तक तो ठीक है लेकिन इस बार भारतीय रेलवे की एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे सोचकर आप हैरत में पड़ जाएंगे कि क्या ऐसा भी हो सकता है। दरअसल रेलवे ने एक यात्री को आज से 1 हजार साल बाद यानी साल 3013 का टिकट दिया जिसके बाद मामला कोर्ट तक पहुंचा और उसके बाद मीडिया की सुर्खियां बन गया है।
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दरअसल, ये मामला 5 साल पुराना यानी साल 2013 का है जहां मामला मेरठ का है। जहां एक उम्रदराज प्रोफेसर विष्णु कांत शुक्ला साल 2013 में हिमगिरी एक्सप्रेस से सहारनपुर से जौनपुर का सफर कर रहे थे। उन्होंने बकायदा ट्रेन का टिकट लिया, लेकिन रेलवे की ओर से उन्हें जो टिकट दिया उसमें 1000 साल बाद की यानी 2013 की जगह 3013 की डेट डली थी।
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रेलवे के नियमों के मुताबिक आप चार महीने यानी 120 दिन से पहले का टिकट नहीं ले सकते लेकिन रेलवे ने एक नहीं दो नहीं बल्कि 1000 हजार साल बाद का टिकट काट दिया। सफर के दौरान प्रोफेसर टीसी के मुख्य निशाने पर रहें। टीसी ने इस टिकट को अस्विकार्य कर दिया और टिकट न होने के बात कहते हुए उन्होंने 800 रुपये का चालान या ट्रेन से उतरने को कहा। इसके बाद बुजुर्ग प्रोफेसर को मुराबाद स्टेशन पर उतार दिया गया।
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विष्णु कांत इस मामले को सहारनपुर की एक उपभोक्ता अदालत में ले गए जहां फैसला आने में पांच साल लग गए। हाल ही में इस मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। फैसले में कोर्ट ने यात्री के पक्ष में न्याय करते हुए रेलवे पर 10 हजार रुपये जुर्माना 3 हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है।
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