राजस्थान में बच्चों की मौत पर चौतरफा घिरीं प्रियंका गांधी, सीएम योगी, मायावती से लेकर आम लोगों ने भी कहा- यूपी की नौटंकी की जगह...
By पल्लवी कुमारी | Published: January 2, 2020 05:26 PM2020-01-02T17:26:27+5:302020-01-02T17:26:27+5:30
राजस्थान के कोटा में दिसंबर में मरने वाले बच्चों की संख्या 100 हो गई है। जे के लोन अस्पताल में 23—24 दिसंबर को दस मासूमों की मौत हुई थी। सात दिनों में 22 बच्चों की मौत हुई है
राजस्थान के कोटा में दो दिन में 9 बच्चों की मौत के साथ जेके लोन अस्पताल में दिसंबर महीने में मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 100 हो गई है। बच्चों की मौत के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ट्रोलर्स के निशाने पर हैं। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार में बच्चों की मौत पर प्रियंका गांधी की खामोशी ने उनको ट्रोल करा दिया है। सोशल मीडिया पर लोग लिख रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) में जिन लोगों के साथ ज्यादती हुई उनके लिए तो प्रियंका गांधी ने मोर्चा खोला लेकिन जब कांग्रेस की शासन में एक-एक कर मासूमों की मौत होते रही तो वह चुप रहीं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने भी प्रियंका गांधी पर निशाना साधा है। इसके अलावा बीजेपी नेता मेजर सुरेंद्र पूनिया, बीजेपी नेता शलभ मणि त्रिपाठी और प्रशान्त पटेल उमराव ने भी ट्वीट कर प्रियंका गांधी और राहुल गांधी पर तंज कसा है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रियंका और कांग्रेस को लेकर क्या ट्वीट किए?
सीएम योगी आदित्यनाथ की ऑफिस की ओर से राजस्थान में के कोटा में बच्चों की मौत एक के बाद एक तीन ट्वीट आए हैं। उन्होंने लिखा है- ''कोटा में करीब 100 मासूमों की मौत बेहद दुःखद और हृदय विदारक है। माताओं की गोद उजड़ना सभ्य समाज,मानवीय मूल्यों और संवेदनाओं पर धब्बा है। अत्यंत क्षोभ है कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी,कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका वाड्रा महिला होकर भी माताओं का दुःख नहीं समझ पा रहीं।
कोटा में करीब 100 मासूमों की मौत बेहद दुःखद और हृदय विदारक है। माताओं की गोद उजड़ना सभ्य समाज,मानवीय मूल्यों और संवेदनाओं पर धब्बा है।
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) January 2, 2020
अत्यंत क्षोभ है कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी,कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका वाड्रा महिला होकर भी माताओं का दुःख नहीं समझ पा रहीं।
एक अन्य ट्वीट में लिखा है, ''श्रीमती वाड्रा अगर यू.पी. में राजनीतिक नौटंकी करने की बजाय उन गरीब पीड़ित माताओं से जाकर मिलतीं,जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही की वजह से सूनी हो गई है तो उन परिवारों को कुछ सांत्वना मिलती। इनको किसी की न चिंता है,न कोई संवेदना, जनसेवा नहीं सिर्फ राजनीति करनी है।''
श्रीमती वाड्रा अगर यू.पी. में राजनीतिक नौटंकी करने की बजाय उन गरीब पीड़ित माताओं से जाकर मिलतीं,जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही की वजह से सूनी हो गई है तो उन परिवारों को कुछ सांत्वना मिलती।
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) January 2, 2020
इनको किसी की न चिंता है,न कोई संवेदना, जनसेवा नहीं सिर्फ राजनीति करनी है।
राजस्थान में कांग्रेसी सरकार, वहां के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी की उदासीनता, असंवेदनशीलता व गैर-जिम्मेदाराना रवैया और इस मामले में चुप्पी साधे रहना मन दुखी कर देने वाला है।
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) January 2, 2020
मायावती ने कांग्रेस को लेकर क्या कहा?
बसपा सुप्रीमो मायावती ने लिखा है, ज्यादा अति दुःखद इसलिए है क्योंकि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व व खासकर महिला महासचिव की इस मामले में चुप्पी साधे रखना। अच्छा होता कि वह यू.पी. की तरह उन गरीब पीड़ित माओं से भी जाकर मिलती, जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही आदि के कारण उजड़ गई हैं।
2. किन्तु उससे भी ज्यादा अति दुःखद है कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व व खासकर महिला महासचिव की इस मामले में चुप्पी साधे रखना। अच्छा होता कि वह यू.पी. की तरह उन गरीब पीड़ित माओं से भी जाकर मिलती, जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही आदि के कारण उजड़ गई हैं।
— Mayawati (@Mayawati) January 2, 2020
1. कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा जिले में हाल ही में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से माओं का गोद उजड़ना अति-दुःखद व दर्दनाक। तो भी वहाँ के सीएम श्री गहलोत स्वयं व उनकी सरकार इसके प्रति अभी भी उदासीन, असंवेदनशील व गैर-जिम्मेदार बने हुए हैं, जो अति-निन्दनीय।
— Mayawati (@Mayawati) January 2, 2020
बीजेपी नेता मेजर सुरेंद्र पूनिया ने क्या कहा?
मेजर सुरेंद्र पूनिया ने लिखा अब आप कोटा क्यों नहीं जा रही हैं।
Sad & Helpless😔
— Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) January 2, 2020
9 more infants died in Kota’s Govt run hospital,number of dead children rises to 100. but Media is busy in covering propaganda at Shaheen Bagh.@ashokgehlot51 Wake up sir🙏@priyankagandhi When r U visiting parents of these kids ? Kota is in India only !
पधारो🙏
बीजेपी नेता शलभ मणि त्रिपाठी ने लिखा, शर्म नहीं आती,मां बाप के सामने ही कलेजे के टुकड़े दम तोड़ रहे और राहुल, प्रियंका जी के मंत्री उल्टा मां बाप को ही कसूरवार ठहरा रहे, हद है बेशर्मी की।
शर्म नहीं आती,माँ बाप के सामने ही कलेजे के टुकड़े दम तोड़ रहे और राहुल,प्रियंका जी के मंत्री उल्टा माँ बाप को ही क़सूरवार ठहरा रहे,हद है बेशर्मी की,पार्टी के अगुवा घूम घूम उपद्रवियों की मदद कर रहे हैं और राजस्थान की इनकी सरकार बच्चों के गुनाहगारों की मदद में खड़ी है #KotaKeDoshipic.twitter.com/7ojYbx7nuJ
— Shalabh Mani Tripathi (@shalabhmani) January 2, 2020
No statements or condolences from the `pseudo seculars’ or their `instructors’ like PGV and Rahul baba….shame on you!!! @priyankagandhi
— Pushpendra Singh (@rush2pushpendra) January 2, 2020
What would you say about this careless comment ?#KotaKeDoshihttps://t.co/qMUuZfSOO2
If the 102 children who died in #Kota could vote, @priyankagandhi and @RahulGandhi would have surely spoken out for them. Galti bacchon ki hai.
— abhineet mishra (@AbhineetMishraa) January 2, 2020
You can’t see this or you don’t want to see. @priyankagandhihttps://t.co/VlH2ilYSqI
— Subhash Singh (@subhashdeokali) January 2, 2020
राजस्थान के कोटा में बच्चों के मौत का आंकड़ा 100 के पार
कोटा के जे के लोन अस्पताल में 23—24 दिसंबर को दस मासूमों की मौत हुई थी। 25 दिसंबर को एक बच्चे, 26 दिसंबर को 3 बच्चे, 27 दिसंबर को दो बच्चे और 28 दिसंबर को 6 बच्चे और 29 दिसंबर को एक, 30 को चार और 31 को पांच। यानी देखा जाए तो सिर्फ सात दिनों में 22 बच्चों की मौत हुई है।
तीन सदस्यीय जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में 'पीटीआई—भाषा' को बताया है कि अस्पताल अपनी क्षमता से 150 प्रतिशत अधिक पर काम कर रहा है और अस्पताल में बेहतर चिकित्सा देखभाल के लिए और सुधार की आवश्यकता है। राजस्थान में चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव वैभव गालरिया ने 'पीटीआई—भाषा' को बताया कि जांच समिति की रिपोर्ट के अनुसार 10 में से आठ बच्चों को गंभीर हालत में अन्य अस्पतालों से यहां भेजा गया था, जबकि दो बच्चों का जन्म अस्पताल में ही हुआ था। उन्होंने बताया कि सभी को उचित उपचार दिया गया था। कमेटी ने मेडिकल रिकार्ड की जांच की और पाया कि जिनको वेंटीलेटर पर रखने की जरूरत थी, उन्हें उचित उपचार दिया गया।