'3 महीने गुजर गए हैं और एक भी व्यक्ति भूखा नहीं है', रेल मंत्री पीयूष गोयल अपने बयान को लेकर हुए ट्रोल, यूजर्स ने यूं दिखाया आईना
By पल्लवी कुमारी | Published: May 15, 2020 03:00 PM2020-05-15T15:00:59+5:302020-05-15T15:00:59+5:30
लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूरों अपने घरवापसी के लिए भूख-प्यासे पैदल चलने को मजबूर हैं। मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में 14 मई को सैकड़ों प्रवासी मजदूरों ने भोजन की व्यवस्था की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया था।
नई दिल्ली: केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal)अपने एक बयान को लेकर सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहे हैं। 'कोविड 19: जान भी, जहान भी' एक कार्यक्रम में पीयूष गोयल ने कहा, ''हमने पूरे तीन महीने गुजार लिए हैं और एक भी व्यक्ति भूखा नहीं रहा है।'' पीयूष गोयल का यह बयान ऐसे वक्त आय जब देश में हर दिन कंही-न-कहीं भोजन के लिए मजदूर विरोध-प्रदर्शन करते दिख रहे हैं। लॉकडाउन की वजह से कई प्रवासी मजदूरों का काम-धंधा बंद हो गया है, जिसके बाद वह पैसों की किल्लत में भूख भी रह रहे हैं। पीयूष गोयल के इस बयान के बाद देश में मजदूरों की हालत और दयनीय स्थिति के बारे में पोस्ट कर ट्विटर यूजर्स मंत्री के बयान की आलोचना कर रहे हैं।
मशहूर जूलरी डिजाइनर और संजय खान की बेटी फराह खान अली ने ट्वीट किया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। फराह खान अली ने, यह सच नहीं है सर। यहां कई सारे लोग हैं, कई लोगों को मैंने खुद देखा है जो भूखे हैं।
Not true Sir. There are so many I have personally encountered who are starving and I have helped and am helping in my own personal capacity. 🙏 https://t.co/pTC0eJVBTP
— Farah Khan (@FarahKhanAli) May 15, 2020
कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद ने लिखा, पीयूष गोयल कहते हैं कि भारत में कोई भुखमरी नहीं हुई है। तो बताइए आखिर क्यों हजारों प्रवासियों ने मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार के खिलाफ भोजन की कोई व्यवस्था नहीं करने के लिए विरोध किया।
-@PiyushGoyal says there has been no starvation in India. So why are thousands of migrants protesting that the BJP govt in MP has made no arrangements of food for them? The BJP govt's callousness & contempt for the poor is on full display here!https://t.co/rfsWRQ8NJx
— Shama Mohamed (@drshamamohd) May 15, 2020
बिस्किट्स के लिए लड़ते कुछ मजदूरों का वीडियो शेयर कर एक यूजर ने लिखा, पीयूष गोयल जी ये है भारत।
Is this India, @PiyushGoyal? I hope so.https://t.co/JqQveWV4w1
— Amit Schandillia (@Schandillia) May 15, 2020
एक यूजर ने तंज करते हुए लिखा, मरे हुए लोगों को भूख नहीं लगती। बता दें कि लॉकडाउन में कई प्रवासी मजदूरों की भूखे पैदल चलने की वजह से मौतें हुई हैं।
The DEAD don’t starve @PiyushGoyal#भयानक_भाजपा_राजhttps://t.co/kLwxs2sbCn
— Srishty K (@srishtykInc) May 15, 2020
ऑथर तवलीन सिंह लिखती हैं, पीयूष गोयल का कहना है कि इन लॉकडाउन के दौरान एक भी व्यक्ति ने भूखा नहीं है। मैं उन्हें धारवी दौरे का सुझाव दे रही हूं ताकि वह भोजन की कतारें, या राजमार्ग पर एक अभियान देख सकें, जहां बच्चे सिर्फ बिस्कुट और पानी पर जी रहे हैं।
Commerce Minister Piyush Goyal says not a single person has starved during these lockdowns. May I suggest a tour of Dharawi so he can see the food queues, or a drive on a highway to see children who live on biscuits and water.
— Tavleen Singh (@tavleen_singh) May 15, 2020
कई यूजर्स ने भी ऐसा ही केंद्रीय मंत्री पर तंज किया।
“The first step in solving any problem is recognizing there is one.” https://t.co/2XqN7DwIZD
— Shridhar V (@iimcomic) May 15, 2020
एक यूजर ने कई रिपोर्ट का हवाला देकर मंत्री के लिए लिखा, ये हमेशा ही झूठ बोलते हैं।
Piyush Goyal says there's no starvation.
— aayeff (@aayeff1) May 15, 2020
It's not just the disease, it's the extraordinary denial, insensitivity and dont care a damn attitude.
One must be totally blind and deaf. Or is it the don't care a damn audacity? What is it? pic.twitter.com/mF6OXss7Et
एक यूजर ने लिखा, गुजरात हाईकोर्ट ने कहा है कि कई लोग बिना खाना खाए राज्य में रह रहे हैं और मंत्री जी कुछ और ही बयान दे रहे हैं।
Gujarat high court said People are without food in the state.
— Spirit of Congress (@SpiritOfCongres) May 15, 2020
Piyush Gobar said they have ensured no one is starving.
No one is more dangerous to poor people than BJP.#भयानक_भाजपा_राजpic.twitter.com/hKA0ESauzI
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक पीयूष गोयल ने अपने बयान में कहा कि हमने तीन महीने गुजारे हैं और एक भी व्यक्ति भूखा नहीं है। यह केवल राज्य और केंद्र सरकार के प्रयासों का ही नतीजा नहीं है। यह करीब 130 करोड़ भारतीयों की मेहनत है।