पत्रकार ने किया दावा, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल के करीबियों के 15 फोन पेगासस स्पाईवेयर से किए गए थे हैक

By सतीश कुमार सिंह | Updated: July 19, 2021 20:40 IST2021-07-19T19:41:42+5:302021-07-19T20:40:07+5:30

Pegasus phone case: कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिये कई प्रमुख लोगों की कथित तौर पर जासूसी करवाने के मामले को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा।

Pegasus phone case spyware Union Minister Prahlad Patel 15 phones of close friends hacked  | पत्रकार ने किया दावा, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल के करीबियों के 15 फोन पेगासस स्पाईवेयर से किए गए थे हैक

मंत्रियों में प्रहलाद पटेल की सबसे ज्यादा जासूसी हुई।

Highlightsइस प्रकरण की स्वतंत्र जांच करवाए जाने की मांग की।सरकार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया।संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं।

Pegasus phone case: इजराइल के जासूसी साफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केन्द्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हैक किए गए।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर, नए आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय मंत्री प्रह्ललाद पटेल को निशाना बनाया गया है। इनके अलावा तीन बड़े विपक्षी नेताओं, सुरक्षा एजेंसियों के मौजूदा, पूर्व प्रमुख और बिजनेसमैन शामिल हैं। 

पत्रकार ने दावा किया है कि मंत्रियों में प्रहलाद पटेल की सबसे ज्यादा जासूसी हुई। क्योंकि वे बागी नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती के खास हैं। पटेल की पत्नी, सचिव व स्टाफ के 15 फोन हैक किये गये। शक के घेरे में रहे पटेल का इस बार मंत्रीपरिषद से स्वतंत्र प्रभार छीन लिया गया। पटेल की तरह कुछ और मंत्री भी साहेब की राडार पर थे !

यह रिपोर्ट रविवार को सामने आई है। हालांकि सरकार ने अपने स्तर पर खास लोगों की निगरानी संबंधी आरोपों को खारिज किया है। सरकार ने कहा,‘‘ इसका कोई ठोस आधार नहीं है या इससे जुड़ी कोई सच्चाई नहीं है।’’ सरकार ने मीडिया रिपोर्टों को खारिज करते हुए कहा,‘‘ भारत एक मजबूत लोकतंत्र है और वह अपने सभी नागरिकों के निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार के तौर पर सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही सरकार ने ‘‘जांचकर्ता, अभियोजक और ज्यूरी की भूमिका’’ निभाने के प्रयास संबंधी मीडिया रिपोर्ट को खारिज कर दिया।

रिपोर्ट को भारत के न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ के साथ-साथ वाशिंगटन पोस्ट, द गार्डियन और ले मोंडे सहित 16 अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रकाशनों ने पेरिस के मीडिया गैर-लाभकारी संगठन फॉरबिडन स्टोरीज और राइट्स ग्रुप एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा की गई एक जांच के लिए मीडिया पार्टनर के रूप में प्रकाशित किया है।

यह जांच दुनिया भर से 50,000 से अधिक फोन नंबरों की लीक हुई सूची पर आधारित है और माना जाता है कि इजरायली निगरानी कंपनी एनएसओ ग्रुप के पीगैसस सॉफ्टवेयर के माध्यम से संभवतया इनकी हैकिंग की गई है। द वायर ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मीडिया जांच परियोजना के हिस्से के रूप में किए गए फोरेंसिक परीक्षणों में 37 फोन को पीगैसस जासूसी साफ्टवेयर द्वारा निशाना बनाए जाने के स्पष्ट संकेत मिले हैं, जिनमें से 10 भारतीय हैं।

सरकार ने रिपोर्ट का जवाब देते हुए, मीडिया संगठन को दिए गए अपने जवाब का उल्लेख किया और कहा कि भारत द्वारा व्हाट्सएप पर पीगैसेस के उपयोग के संबंध में इस प्रकार के दावे अतीत में भी किए गए थे और उन रिपोर्ट का भी कोई तथ्यात्मक आधार नहीं था और भारतीय उच्च न्यायालय में व्हाट्सएप सहित सभी पक्षों ने इससे इनकार किया था।

सरकार ने कहा कि एक स्थापित प्रक्रिया है जिसके जरिए राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर इलेक्ट्रॉनिक संवाद को केन्द्र या राज्यों की एजेंसियों द्वारा कानूनी रूप से हासिल किया जाता है और यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि किसी भी कंप्यूटर संसाधन से सूचना को हासिल करना,उसकी निगरानी करना तय कानूनी प्रक्रिया के तहत हो। द वायर के अनुसार लीक आंकडों में बड़े मीडिया संगठनों हिंदुस्तान टाइम्स, इंडिया टुडे,नेटवर्क 18, द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस के अनेक जाने माने पत्रकार के नंबर शामिल हैं।

Web Title: Pegasus phone case spyware Union Minister Prahlad Patel 15 phones of close friends hacked 

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