पटनाः बिहार की राजधानी पटना में एक अनूठी शादी सामने आई है. न पंडित, न बैंड बाजा और न ही बाराती. यहां तक कि कन्यादान, सिंदूरदान व अग्नि के सात फेरे की रस्में से अलग हटकर संविधान की सपथ के साथ ही शादी संपन्न हो गई.
इस शादी के बंधन में बंधने वाले खगड़िया व्यवहार न्यायालय में जज आदित्य प्रकाश तथा पटना व्यवहार न्यायालय में जज आयुषी कुमारी की शादी चर्चा का विषय बन गया है. उल्लेखनीय है कि परंपरागत शादियों और दिखावे हटकर यह शादी दिन में संपन्न हुई. इस विवाह में दोनों पक्षों के लोग शामिल हुए. इसमें बैंड-बाजा नहीं था.
दान-दहेज रहित इस शादी में दूल्हा व दुल्हन ने शपथ पत्र पढे़, फिर एक-दूसरे के गले में जयमाला डाले. पहले दुल्हन ने शपथ पत्र पढा. इसके बाद दोनों ने एक साथ शपथ पत्र पढ़ा. जयमाला के बाद दूल्हे ने शपथ ली कि वे अपनी पत्नी को सिंदूर का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधन के रूप में करने का अधिकार देते हैं.
बताया जाता है कि खगड़िया जिले के व्यवहार न्यायालय में जज आदित्य प्रकाश वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर के युसूफपुर के रहने वाले हैं. जबकि पटना व्यवहार न्यायालय में जज आयुषी कुमारी पटना के फुलवारीशरीफ स्थित पूर्णेन्दू नगर की रहने वाली हैं. दोनों ने कम खर्चे में आदर्श विवाह करने का फैसला लिया. दोनों जजों ने ऐसी सादगीपूर्ण शादी कर आज आडंबर भरे समय में एक बड़ा उदाहरण पेश किया है. जिसकी सर्वत्र चर्चा हो रही है.