बच्चों... PM मोदी से 'ज्ञान' तो लेना लेकिन 'सामान्य ज्ञान' लिया तो जीरो ही मिलेगा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 30, 2019 05:27 PM2019-01-30T17:27:11+5:302019-01-30T17:35:13+5:30

बातों को सुनकर तो यही लगता है कि मोदी जी के पास सभी तरह की समस्याओं का हल होता है, वो बात अलग है कि समस्या हल हो या न हो...

pariksha pe charcha 2.0 children do not trust on the general knowledge of narendra modi | बच्चों... PM मोदी से 'ज्ञान' तो लेना लेकिन 'सामान्य ज्ञान' लिया तो जीरो ही मिलेगा

बच्चों... PM मोदी से 'ज्ञान' तो लेना लेकिन 'सामान्य ज्ञान' लिया तो जीरो ही मिलेगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादों और इरादों को छोड़ दें तो लच्छेदार बातों से लोगों को अपना बनाने में माहिर हैं। मोदी जी अपना अनुभव जनता के अलावा समय-समय पर छात्रों से भी साझा करते रहते हैं। मौका न चूकने वाले मोदी जी ने देखा कि बोर्ड परीक्षाएं नजदीक हैं ऐसे में कई छात्र तनाव में आ जाते हैं। बस फिर क्या था, मोदी जी ने बच्चों को तनाव मुक्त करने का फैसला लिया औऱ दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में बच्चों के साथ 'परीक्षा पे चर्चा 2.0' कार्यक्रम रख दिया। इसमें देश-विदेश के 2000 छात्र, शिक्षक और अभिभावक शामिल हुए। यहां उन्होंने बच्चों और अभिवावकों के सामने एक्सपर्ट राय भी रखा। 

जैसा कि हमने आपको बताया कि बातों के माहिर खिलाड़ी मोदी जी ने बच्चों को कविता सुनाई, परीक्षा का महत्व बताया और उनमें जोश भरा जिससे कि वे अपनी आने वाली परीक्षाओं में अच्छे नंबर ला सकें। ये तो हो गई मोदी जी के मोटिवेशन की बात लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बातें सीखना हो तो सीख लेना लेकिन मोदी जी वाला सामान्य ज्ञान (GK) ग्रहण न करना ही फायदे का सौदा रहेगा। क्योंकि GK वाला पार्ट उनका खुद का कम्प्लीट नहीं है। सामान्य ज्ञान में जनता उनको खुद कई बार जीरो नंबर दे चुकी है। 

दरअसल मोदी जी अपने भाषणों में भी कई बार बल्ंडर कर चुके हैं। तो हम आपको बता रहें मोदी जी की गलती और उसका सही जवाब। अगर कहीं धोखे से परीक्षा में ये सवाल आ गए तो आप हमारा वाला आंसर लिखना मोदी जी वाला लिखे तो पक्का जीरो मिलेंगे।  

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चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के समापन समारोह' के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा था कि पिछले एक हफ्ते में बिहार में 8 लाख 50 हजार से ज़्यादा शौचालयों का निर्माण कार्य पूरा हुआ है।

अब इस हिसाब से गणित देख लीजिए- 
एक सप्ताह = 7 दिन 
7 दिन = 168 घंटे
850000/168 = 5059 टॉयलेट प्रति घंटे 
5059/60 = 84 टॉयलेट प्रति मिनट 

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3 मई 2018 को कर्नाटक में एक रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था ‘कर्नाटक बहादुरी का पर्याय है। लेकिन कांग्रेस ने फील्ड मार्शल करियप्पा और जनरल थिमैया के साथ कैसा व्यवहार किया, यह सबको पता है।।। 1948 में पाकिस्तान को हराने के बाद प्रधानमंत्री नेहरू और रक्षा मंत्री कृष्ण मेनन ने जनरल थिमैया का अपमान किया था।’

सच तो ये है कि 1948 में जनरल थिमैया भारतीय सेना के प्रमुख नहीं थे। अंग्रेज जनरल रॉय बशर थे। थिमैया 1957 से 1961 तक भारतीय सेना के प्रमुख रहे। वहीं 1948 में कृष्णा मेनन रक्षामंत्री नहीं थे। सरदार बलदेव सिंह थे। 

इतने के बाद भी प्रधानमंत्री जी नहीं रुके। ऐसा लगता है जैसे झूठ बोलकर लोगों की मौज लेने में उन्हें अपार खुशी मिलती है। पंद्रह लाख बोलकर लोगों को दिया नहीं उल्टे नियम बना दिया कि जिनके खाते में कम पैसे रहेंगे उसको काट लेंगे। 

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अब आगे बढ़ते हैं- एक बार जनरल करियप्पा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद कांग्रेस ने उनके साथ बुरा बर्ताव किया था। 
 
यहां पर भी मोदी जी गलत तथ्य लोगों के सामने रख गए। सच तो ये है कि करियप्पा 62 की लड़ाई से 9 साल पहले ही 1953 में रिटायर हो चुके थे। 
 
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कर्नाटक चुनाव के दौरान चुनावी रैली में प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि भगत सिंह जब जेल में थे तब कोई कांग्रेसी परिवार का व्यक्ति उनसे मिलने नहीं गया था। 

सच ये है कि पं जवाहर लाल नेहरू 10 अगस्त 1929 को खुद भगत सिंह से मिलने जेल में गए थे। 

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28 जून 2018 को कबीर दास जी के प्राकट्य दिवस पर मगहर में कार्यक्रम के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि यहां कबीर, गुरु नानक और बाबा गोरखनाथ ने एक साथ मिलकर  आध्यात्मिक चर्चा की थी। 

सच ये है कि कबीर और गुरुनानक का जीवनकाल तो लगभग एक है लेकिन बाबा गोरखनाथ उनसे काफी समय पहले के हैं। कबीर का जीवन काल 1398 से 1518 तक बताया जाता है। गुरुनानक का जीवन काल 1469 से 1539 ई।का है। वहीं बाबा गोरखनाथ का जीवनकाल 11 वीं शताब्दी माना जाता है। 

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24 सितंबर 2018 को सिक्किम एयरपोर्ट के उद्घाटन के दौरान भी प्रधानमंत्री ने लोगों के सामने गलत तथ्य पेश कर दिए। उन्होंने कहा था कि आजादी के बाद से 2014 तक यानि 67 सालों में 65 एयरपोर्ट ही बन पाए थे। जबकि बीते चार सालों में उनकी सरकार में 35 नए एयरपोर्ट और बन गए। 

सच ये है कि सिविल एविएशन मिनिस्ट्री की साल 2013-14 की रिपोर्ट के मुताबिक एयरपोर्ट एथॉरिटी ऑफ इंडिया 125 हवाई अड्डों का संचालन करती है। इसमें से 9 हवाई अड्डों का वह सीधा संचालन नहीं करती सिर्फ सेवाएं देती है। वहीं 2017-18 की रिपोर्ट के मुताबिक कुल 129 हवाई अड्डे दिखाए गए हैं। इस हिसाब से मोदी सरकार के इन चार सालों में सिर्फ चार नए एयरपोर्ट बने। 
 
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वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम की सालाना बैठक -2018 में  प्रधानमंत्री देश के मतदाताओं की गिनती 600 करोड़ बता गए जबकि इतनी तो भारत की कुल आबादी भी नहीं है।

सच तो ये है कि 2014 तक के रिकॉर्ड के हिसाब से देश में मतदाताओं का आंकड़ा 81 करोड़ 40 लाख तक पहुंच चुका है।

एक बार फेल होने या एक बार गलती हो जाने के बाद इंसान दोबारा गलती न होने पाए इसको लेकर सजग हो जाता है। लेकिन मोदी जी तो लगातार वही काम करते जा रहे हैं।

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