वाशिंगटन: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा बीते काफी लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) में फसलों को उगाने के लिए रिसर्च जारी रखे हुए है. इसी क्र म में नासा के वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता हाथ लगी है. नासा की एस्ट्रोनॉट केट रूबिन्स ने अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में पहली बार मूली का पौधा उगाने में सफलता पाई है.
अपने रिसर्च अभियान के तहत एस्ट्रोनॉट केट रूबिन्स ने अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर मूली का पौधा को उगाने में सफलता पाई है. नासा का कहना है कि यह उसके प्लांट रिसर्च और प्लांट हैबिटैट-02 का हिस्सा थी, जो यह समझने की कोशिश करती है कि कम ग्रैविटी में प्लांट कैसे बढ़ते हैं.
क्या है प्लांट हैबिटैट?
अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में मूली का पौधा उगाने के लिए एडवांस्ड प्लांट हैबिटैट का इस्तेमाल किया गया. यह एक प्रकार का चैम्बर है जिसमें प्लांट तक एलईडी रोशनी, उर्वरक को नियंत्रण के साथ, पौधे की जड़ों तक पानी, पोषक तत्व और ऑक्सीजन पहुंचाता है, जिससे पौधे के बढ़ने में मदद मिलती है.
पहले भी उगाए गए हैं चीनी गोभी
इस प्रयोग के लिए मूली को इसलिए चुना गया क्योंकि इसकी फसल 27 दिनों में पूरी तरह तैयार हो जाती है. नासा ने इसका एक टाइम-लैप्स वीडियो भी जारी किया है, जिसमें सब्जियों के विकास को ट्रैक किया गया है. वेजी के रूप में जानी जाने वाली 'द वेजीटेबल प्रोडक्शन सिस्टम' की मदद से, अंतरिक्ष स्टेशन ने कई प्रकार के पौधों को सफलतापूर्वक उगाया है, जिनमें तीन प्रकार के लेट्यूस, चीनी गोभी, मिजुना सरसों, लाल रूसी केल और जिननिया फूल शामिल हैं.