प्याज की बढ़ती मंहगाई ने पूरे देश को रुला दिया है। प्याज की बढ़ती कीमतों का मुद्दा संसद से लेकर सड़क और सोशल मीडिया तक पहुंच चुका है। प्याज 80 रुपए से लेकर बाजार में धीरे धीरे 150 रुपए किलो के भाव की ओर बढ़ रहा है। इसी बीच प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेतृत्व वाली सरकार की जमकर सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है। ट्विटर पर हैशटैग #OnionPrice #Onion ट्रेंड कर रहा है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने एक पुराने बयान को लेकर ट्रोल हो गए हैं। उस बयान में पीएम नरेंद्र मोदी तत्कालीन मनमोहन सिंह की सरकार में बढ़े प्याज के दाम को लेकर तंज कर रहे थे। उस वक्त नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि वीडियो साल 2013 का है। वीडियो में पीएम मोदी किसी मंच पर भाषण देते हुए दिख रहे हैं। वीडियो में पीएम मोदी कह रहे हैं, ''और वानखेड़े स्टेडियम में लोग चर्चा कर रहे थे और शर्त लगा रहे थे, कि बताओ मैच के दौरार सचिन तेंदुलकर सेंचुरी लगाएंगे या फिर प्याज के दाम सेंचुरी लगाएंगे। सुनना है कि बंद करूं, जरा लंबा हो गया... चालू रखूं या बंद करूं।''
इस वीडियो को लोग #OnionPrice #Onion के साथ शेयर कर रहे हैं। लिख रहे हैं कि जब आप विपक्षी पार्टी थे तो प्याज की दाम को लेकर बहुत हंगामा किया और अब चुप्पी साधे बैठे हैं।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी अपने एक पुराने ट्वीट को लेकर प्याज के बढ़ दाम को लेकर ट्रोल हो रही हैं। स्मृति ईरानी के दिसंबर 2010 में किए गए एक ट्वीट को लेकर लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं। उस ट्वीट में ईरानी ने लिखा था, ''आयकर विभाग सभी उच्च मूल्य के लेन-देन पर नजर रखे हुए है। इसलिए प्याज न खरीदें।''
प्याज की कीमतों पर नियंत्रण का सरकार ने दिलाया है भरोसा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि सरकार ने देश में प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिये कई कदम उठाये हैं जिनमें इसके भंडारण से जुड़े ढांचागत मुद्दों का समाधान निकालने के उपायम शामिल हैं। वित्त वर्ष 2019..20 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों के पहले बैच पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘प्याज के भंडारण से कुछ ढांचागत मुद्दे जुड़े हैं और सरकार इसका निपटारा करने के लिये कदम उठा रही है।’’ उन्होंने कहा कि खेती के रकबे में कमी आई है और उत्पादन में भी गिरावट दर्ज की गई है लेकिन सरकार उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिये कदम उठा रही है।