मुस्लिम महिलाओं ने कांवड़ यात्रा में हिस्सा लेकर भोलेनाथ को चढ़ाया जल, जानें वायरल वीडियो का सच
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 25, 2019 06:45 IST2019-07-25T06:45:46+5:302019-07-25T06:45:46+5:30
वीडियो को शेयर कर यह भी दावा किया जा रहा है कि ये मुस्लिम महिला विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला के कावड़ यात्रा में हिस्सा लेकर झारखंड के देवघर में भगवान शिव को जल चढ़ाया है।

मुस्लिम महिलाओं ने कांवड़ यात्रा में हिस्सा लेकर भोलेनाथ को चढ़ाया जल, जानें वायरल वीडियो का सच
सोशल मीडिया एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि मुस्लिम महिलाओं ने कांवड़ यात्रा में हिस्सा लेकर श्रावण के महीने में भगवान शिव को जल चढ़ाया है। वीडियो को शेयर कर यह भी दावा किया जा रहा है कि ये मुस्लिम महिला विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला के कावड़ यात्रा में हिस्सा लेकर झारखंड के देवघर में भगवान शिव को जल चढ़ाया है। विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला झारखंड के देवघर में श्रावण महीने में लगता है। देवघर में भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग है।
#SundayThoughts
— Geetika Swami (@SwamiGeetika) July 21, 2019
Thousands of Muslim Women joined the famous Kanwar Yatra to Deoghar, an auspicious pilgrimage observed by the devotees of Lord Shiva in Sawan, What a lovely sight!
Har Har Mahadev🙏 जय श्री राम 🙏#SundayMotivation#SundayMorningpic.twitter.com/NNv1Oj22T4
वीडियो के साथ दावे में यह भी लिखा जा रहा है कि 'हलाला और तीन तलाक से बचने के लिए कुछ मुस्लिम महिलाओं ने देवघर के शिव मंदिर में जल चढ़ाया है। इन्ही सब दावों के साथ इस वीडियो को लाखों पर फेसबुक ट्विटर पर शेयर किया जा चुका है।
वीडियो में दिख रहा है कि कुछ बुर्का पहनी हुई महिलाएं कांवड़ यात्रा में शामिल होकर जा रही हैं। बाकी उनके साथ सारी महिलाओं ने भगवा रंग के कपड़े पहने हैं। वीडियो तकरीबन एक मिनट का है।
क्या है वायरल हो रही वीडियो की सच्चाई
गूगल के रिवर्स इमेज सर्च में जाकर जब आप इस वायरल हो रही वीडियो और तस्वीर को सर्च करेंगे तो आपको पता चलेगा की ये वीडियो साल 2019 का है ही नहीं। ये वीडियो मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में साल 2015 अगस्त के विशेष कांवड़ यात्रा का है। जिसमें मुस्लिम महिलाओं ने भी शामिल हुईं थी। 2015 में इंदौर में सावन के आखिरी सोमवार के दिन यह कांवड़ यात्रा निकाली गई थी। सर्व धर्म एकता का संदेश देती इस यात्रा में हिंदू और मुस्लिम ही नहीं बल्कि सिख, ईसाई और पारसी समाज की महिलाएं भी कांवड़ लेकर शामिल हुई थीं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस यात्रा का आयोजन मध्य प्रदेश की 'साझा संस्कृति मंच' नाम की एक संस्था ने किया था।
