नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रमुख मोहन भागवत की ओर से जाति व्यवस्था पर दिए एक बयान पर विवाद शुरू हो गया है। ट्विटर पर मोहन भागवत से जुड़े बयान को ट्रेंड कराकर माफी मांगने को कहा जा रहा है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इसे ब्राह्मण विरोध बयान बता रहे हैं।
मोहन भागवत ने मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा था कि जाति भगवान ने नहीं बनाई बल्कि पंडितों ने बनाई। उन्होंने ये भी कहा कि पंडितों ने जो श्रेणी बनाई वह गलत है। भागवत ने कहा कि हिन्दू समाज जातिवाद को लेकर भ्रमित होता रहा है और इस भ्रम को दूर करना आवश्यक है।
संघ प्रमुख ने ये भी कहा था, 'लोग चाहे किसी भी तरह का काम करें, उसका सम्मान किया जाना चाहिए। श्रम के लिए सम्मान की कमी समाज में बेरोजगारी के प्रमुख कारणों में से एक है। काम के लिए चाहे शारीरिक श्रम की आवश्यकता हो या बुद्धि की, चाहे इसके लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता हो या ‘सॉफ्ट’ कौशल की-सभी का सम्मान किया जाना चाहिए।'
उन्होंने कहा था, 'हर कोई नौकरी के पीछे भागता है। सरकारी नौकरियां केवल करीब 10 प्रतिशत हैं, जबकि अन्य नौकरियां लगभग 20 फीसदी। दुनिया का कोई भी समाज 30 प्रतिशत से अधिक नौकरियां पैदा नहीं कर सकता।'
इस बयान पर राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने सोमवार को मोहन भागवत पर तंज कसा और पूछा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हर साल दो करोड़ नौकरियां देने के वादे का क्या हुआ।