Jabalpur Lok Sabha Seat: ...'मुझे चुनाव लड़ना है', पोटली में '25 हजार के चिल्लर', 3 घंटे तक गिनते रहे अधिकारी
By धीरज मिश्रा | Published: March 21, 2024 10:30 AM2024-03-21T10:30:44+5:302024-03-21T10:58:14+5:30
Jabalpur Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमाने के लिए मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। वहीं, जबलपुर लोकसभा सीट पर नामांकन के लिए एक प्रत्याशी चर्चा में आ गया है।
Jabalpur Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमाने के लिए मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। वहीं, जबलपुर लोकसभा सीट पर नामांकन के लिए एक प्रत्याशी चर्चा में आ गया है। दरअसल, प्रत्याशी ने नामांकन के लिए जबलपुर कलेक्टर ऑफिस में चिल्लर लेकर पहुंच गया। हाथ में पीली पोटली देख आस पास के लोगों के लिए भी यह प्रत्याशी आकर्षण का केंद्र बन गया। इस प्रत्याशी का नाम विनय चक्रवती है।
चलिए आपको समझाते हैं पूरा मामला।लोकसभा चुनाव में नामांकन पत्र लेने का सिलसिला शुरू हो गया है। इसी कड़ी में बुधवार को जबलपुर लोकसभा से चुनाव लड़ने की मंशा लिए एक युवक लोकसभा चुनाव का फॉर्म को लेने के लिए 25 हजार के चिल्लर लेकर जबलपुर कलेक्टर ऑफिस पहुंच गया।
क्या बोला प्रत्याशी
विनय चक्रवती ने कहा कि वह डिजिटल की इस दुनिया में ऑनलाइन पैसा जमा कराने के लिए गया था। लेकिन, उनके पास ऑनलाइन पैसा लेने की व्यवस्था नहीं थी। मजबूरन मुझे 25 हजार के सिक्क लेकर जाना पड़ा। वहीं. जबलपुर कलेक्टर ऑफिस के अनुसार, कुछ लोग नियम की आड़ में प्रशासनिक अधिकारियों को परेशान करते हैं।
कैसे जुटाए 25 हजार रुपये
विनय चक्रवती जो एलएलबी की पढ़ाई कर रहा है। वह जबलपुर लोकसभा से चुनाव लड़ना चाहता है। इसलिए उसने नामांकन पत्र खरीदा है। जब वह कलेक्टर ऑफिस पहुंचा तो उसे बताया गया कि उसे 25 हजार रुपये नगद जमा कराने होंगे। ऑनलाइन पेमेंट लेने से अधिकारियों ने मना कर दिया। हालांकि, उसके दोस्तों ने कुछ देर में ढेर सारे चिल्लर लेकर पहुंच गए।
25 हजार के सिक्कों में एक रुपये से लेकर 2 रुपये, 5 रुपये 10 रुपये के सिक्के हैं। विनय ने कहा कि चिल्लर लाकर वह अधिकारियों को परेशान नहीं करना चाहता है। वहीं, इन सिक्कों को गिनने में अधिकारियों को 3 घंटे का समय लगा। जबलपुर के कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि पैसा किस मुद्रा में दिया जा रहा है, यह जरूरी नहीं है लेकिन नियम पैसे को कैश में लेने का ही है. इसलिए पैसे कैश ही लिया गया।