तेंदुआ फंसा शिकारी की जाल में, जानिए कैसे बची उसकी जान
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 9, 2022 03:03 PM2022-02-09T15:03:29+5:302022-02-09T15:07:26+5:30
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मंगलवार की सुबह कराड में कुछ ग्रामीणों की नजर इस बच्चे तेंदुए पर पड़ी, जो शिकारियों की जाल में फंसा हुआ।
महाराष्ट्र: सांगली में कराड के जंगल में वन्य अधिकारियों ने बुरी तरह से घायल एक तेंदुए की जान बचा ली। जानकारी के मुताबिक करीब एक साल का यह शावक तेंदुआ शिकारियों की जाल में फंस गया था।
लोहे की बाड़ में फंसे इस तेंदुए को बचाने के लिए वन अधिकारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस मामले में एक वन अधिकारी ने बताया कि बड़ी मेहनत के बाद किसी तरह से वह शावक तेंदुआ उस लोहे की बाड़ से निकल पाया। हालांकि बचाव के बाद जब उसे देखा गया तो उसके पैरों में काफी गहरी चोटें आयी हैं।
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक मंगलवार की सुबह कराड में कुछ ग्रामीणों की नजर इस बच्चे तेंदुए पर पड़ी, जो शिकारियों की जाल में फंसा हुआ। बुरी तरह से तड़प रहा था। ग्रामीणों ने फौरन इसकी सूचना वन्य अधिकारियों को फोन माध्यम से दी।
जिसके बाद वन रेंजर तुषार नवले, वन्यजीव वार्डन रोहन भाटे, बाबूराव कदम और रमेश जाधव सहित कई अन्य कर्मचारी तुरंत मौके पर पहुंचे। वन्य अधिकारियों ने तुरंत शावक तेदुए को बचाने के लिए प्रयास शुरू कर दिया और करीब 2 घंटे के बाद तेंदुए को सकुशल लोहे के बाड़ से आजाद करा लिया गया।
इसके बाद वन विभाग के पशु चिकित्सक डॉक्टर चंदन सावने शावक तेंदुए का परीक्षण किया तो पाया कि लोहे की बाड़ के कारण उसके पैरों में गंभीर चोट लगी है। डॉक्टर चंदन ने मौके पर चिकित्सा सहायता दी। जिसेस उसे आराम मिला। उसके बन विभाग की टीम उसे लोहे के एक बड़े पिंजरे में कैद करके अपने साथ वन विभाग के दफ्तर ले गई। जहां उसका इलाज किया जाएगा।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि तेंदुआ जिस लोहे के जाल में फंसा था, उसका इस्तेमाल मुख्य रूप से मध्य प्रदेश के कटनी के रहने वाले बहेलिया शिकारियों द्वारा किया जाता है। अब विभाग इस बात की भी लताश कर रहा है कि आखिर किसने यह लोहे की बाड़ लगाई थी। जिसमें नन्हा शावक तेंदुआ आकर फंस गया था।