नई दिल्ली, 09 जुलाई: नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के लिए उत्कृष्ट संस्थान (इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस) की घोषणा कर दी है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने इस घोषणा में जियो इंस्टीट्यूट का नाम शामिल किया है, जिसे सुनकर सब हैरान रह गए हैं। सोशल मीडिया पर जियो इंस्टीट्यूट को लेकर जमकर सरकार का मजाक उड़ा रहे हैं और सवाल कर रहे हैं कि इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस में जिस जियो इंस्टीट्यूट को शामिल किया गया है वह कहां है?
एक ट्वीटर यूजर कमलेंदू विस्वास ने लिखा, 'जियो इंटीट्यूट कहां पर स्थित है? इसे वेबसाइट सर्च नहीं कर सकती है।'
इस मौके पर एचआरडी मंत्रालय ने कहा कि देश के लिये इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस काफी महत्वपूर्ण है। हमारे देश में 800 विश्वविद्यालय हैं, लेकिन एक भी विश्वविद्यालय शीर्ष 100 या 200 की विश्व रैंकिंग में शामिल नहीं है। इस निर्णय से इसे हासिल करने में मदद मिलेगी। इससे इन संस्थानों के स्तर एवं गुणवत्ता को तेजी से बेहतर बनाने में मदद मिलेगी और पाठ्यक्रमों को भी जोड़ा जा सकेगा। इसके अलावा विश्व स्तरीय संस्थान बनाने की दिशा में जो कुछ भी जरूरी होगा, किया जा सकेगा।आईआईटी दिल्ली और आईआईटी बंबई को लेकर जावड़ेकर ने कहा कि इन दोनों संस्थानों को सरकारी वित्त पोषण प्राप्त होगा क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र के जिन संस्थानों को उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा प्रदान किया गया है, उन्हें अगले पांच वर्षो के दौरान 1000 करोड़ रूपये का सरकारी अनुदान मिलेगा।वहीं, 'इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस' की लिस्ट में जियो इंस्टीट्यूट का नाम शामिल करने पर जब सवाल उठे तो एचआरडी मंत्रालय ने इस पर सफाई दी है। उसने कहा है कि यूजीसी रेगुलेशन 2017 के क्लॉज 6.1 में लिखा है कि इस प्रोजेक्ट में बिल्कुल नए या हालिया स्थापित संस्थानों को भी शामिल किया जा सकता है। इस श्रेणी में कुल 11 आवेदन मिले थे, जिनका मूल्यांकन किया गया और जियो इंस्टीट्यूट सभी चारों मानकों पर खरा उतरा है।
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