नई दिल्ली: पिछले कई सालों से सोशल मीडिया पर शेयर किए जाने वाले जिस फेक न्यूज को खुद केंद्रीय वित्त मंत्रालय साल 2017 में ही गलत बता चुका है, वही फेक न्यूज एक वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट पर पिछले तीन दिनों से मौजूद है.
ट्विटर पर करीब डेढ़ लाख फॉलोवर वाले एल्विस यादव नाम के यूजर ने 26 सितंबर को सुबह 10.59 बजे फ्री टेंपल्स हैशटैग के साथ लिखा है कि जिस देश में सभी को धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त है, वहां केवल हिंदू मंदिरों को ही कर क्यों देना पड़ता है?
इस फेक न्यूज को 20 हजार से लाइक मिले हैं जबकि 7,500 से अधिक बार रिट्वीट किया जा चुका है.
हालांकि, इस जानकारी का केंद्रीय वित्त मंत्रालय का ट्विटर पेज साल 2017 में ही फैक्ट चेक करके गलत बता चुका है.
3 जुलाई, 2017 को एक ट्वीट कर मंत्रालय ने लिखा था कि सोशल मीडिया में कुछ संदेश घूम रहे हैं कि मंदिर ट्रस्टों को जीएसटी का भुगतान करना होगा जबकि चर्चों और मस्जिदों को छूट दी गई है. हम बड़े पैमाने पर लोगों से अनुरोध करते हैं कि सोशल मीडिया पर इस तरह के गलत संदेश प्रसारित न करें.
यादव के ट्विटर अकाउंट पर बहुत से लोग वित्त मंत्रालय के ट्वीट को शेयर करते हुए इसके फेक न्यूज होने के बारे में बता चुका हैं लेकिन उसने उन पर कोई ध्यान नहीं दिया.
यही नहीं यह फेक न्यूज अभी तक न तो सरकार और न ही ट्विटर की नजर में आया है.