जिसने जिंदगी बचाई थी , उसकी ही बाहों में ली अंतिम सांस, गोरिल्ला और उसकी दोस्ती की कहानी सुनकर लोग हुए भावुक

By दीप्ती कुमारी | Published: October 8, 2021 05:48 PM2021-10-08T17:48:59+5:302021-10-08T17:51:54+5:30

सोशल मीडिया पर बाउमा और नदकासी की दोस्ती की मिसाल दी जा रही है । नजकासी एक गोरिल्ला है , जिसे बाउमा ने 2 महीने की उम्र में बचाया था और आज उसने उसकी बांहों में ही दम तोड़ दिया ।

gorilla dies in the arms of her rescuer netizens got emotional on social media | जिसने जिंदगी बचाई थी , उसकी ही बाहों में ली अंतिम सांस, गोरिल्ला और उसकी दोस्ती की कहानी सुनकर लोग हुए भावुक

फोटो सोर्स - सोशल मीडिया

Highlights14 साल के गोरिल्ला का उसके साथी बाउमा की बाहों में निधनबाउमा ने 2 महीने की अवस्था में नदकासी को बचाया था बाउमा ने कहा कि मैं नदकासी को कभी नहीं भूलूंगा

मुंबई : ऐसे तो हमने इंसान और जानवर की ढेरों कहानियां सुनी है । ऐसी कहानियां सुनकर कोई भी भावुक हो जाता है । दोस्ती और प्यार का  ये रिश्ता बेहद प्यारा और निस्वार्थ होता है । एक ऐसा ही रिश्ता पूर्वी कांगो के विरुंगा नेशनल पार्क में अनाथ नदाकासी (माउंटेन गोरिल्ला) और उनके 49 वर्षीय साथी आंद्रे बाउमा का है । नदाकासी ने आंद्रे बाउमा की बाहों में अंतिम सांस ली, जिसके बाद से ही गोरिल्ला और आंद्रे की दोस्ती की मिसाल दी जा रही है ।

एक रिपोर्ट के मुताबिक नदाकासी की 14 वर्ष की आयु में मौत हो गई थी । उसे विरुंगा रेंजर्स द्वारा तब बचाया गया था जब वह सिर्फ दो महीने की थी और अपनी मां के बेजान शरीर से चिपकी हुई मिली थी । उसकी मां को घंटों पहले सशस्त्र मिलिशिया ने मार गिराया था । नदाकासी को बाद में उसे एक साथी अनाथ गोरिल्ला नेडेज़ के साथ पार्क के सेनक्वेकवे सेंटर में भेज दिया गया, जहां यह जोड़ी पार्क रेंजर मैथ्यू शामवु के साथ एक सेल्फी में दिखाई देने पर खूब पॉपुलर हुई थी ।

सेनक्वेकवे में गोरिल्ला की ‘लंबी बीमारी के कारण अपने दोस्त की बाहों में मौत हो गई, जिसने 14 साल पहले गोरिल्ला को बचाया था । उस वक्त भी बाउमा ने अपने साथी नदाकासी को अपनी बाहों में जकड़ लिया था, ताकि वह जिंदा रह सके । नदकासी की अंतिम तस्वीर में उसे बाउमा की छाती पर अपना सिर रखे हुए देखा जा सकता है, जबकि बाउमा उसे पकड़े हुए है ।

बाउमा ने कहा, ‘मुझे इस बात पर गर्व है कि मैंने नदकासी को अपना मित्र कहा, यकीनन मैं उसे एक बच्चे की तरह प्यार करता था और उसका हंसमुख अंदाज मेरे चेहरे पर मुस्कान ला देता था जब भी मैं उससे बातचीत करता था, विरुंगा में हम सभी को उसकी बेहद कमी खलेगी, लेकिन सेनक्वेकवे में उनके समय के दौरान हमारे जीवन में लाई गई खुशहाली के लिए हम हमेशा नदाकासी के आभारी हैं ।’
 

Web Title: gorilla dies in the arms of her rescuer netizens got emotional on social media

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