फ्रांस: पहले डॉक्टरों ने महिला के हाथ पर उगाई नाक, फिर सर्जरी कर चेहरे पर किया फिट, जानें पूरा मामला
By आजाद खान | Updated: November 12, 2022 15:18 IST2022-11-12T15:07:13+5:302022-11-12T15:18:58+5:30
कैंसर के बाद महिला के नाक का एक हिस्सा खो गया था जिससे वह काफी परेशान थी। काफी कोशिशों के बाद भी जब महिला अपने नाक के खोए हुए हिस्से पर मास नहीं चढ़ा पाई थी तो अंत में उसने इस तरीके को इस्तेमाल किया है।

फोटो सोर्स: Facebook Page @chudetoulouse
Viral News: फ्रांस की एक महिला ने अपने ही हाथ में नाक को उगाया है और फिर उसे अपने चेहरे पर लगावा है। बताया जा रहा है कि यह पहला मामला है जिसमें किसी के हाथ पर नाक को उगाया गया है और नाक को चेहरे पर लगाया गया है।
खबर के अनुसार, जिस महिला ने यह नाक उगाया और चेहरे पर लगाया है, वह बहुत पहले अपने नाके के कुछ हिस्से खो चुकी थी। ऐसे में उसने अपने नाक को पहले जैसा लुक यानी पूरी नाक पानी के लिए काफी परेशानी उठाई है, लेकिन उसे सफलता नहीं मिली है। ऐसे में काफी परेशान के बाद अब उसे सफलता मिली है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, साल 2013 में महिला ने अपनी नाक का एक हिस्सा खो दिया था। उसे कैंसर हुआ था और इसके लिए उसने रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी भी करवाई थी। ऐसे में इसके इलाज के दौरान उसका नाक का एक हिस्सा खत्म हो गया था।
इसके बाद महिला ने बहुत कोशिश की थी गायब हुआ हिस्सा वापस आ जाए लेकिन उसके कोशिशों के बावजूद उसके नाक का एक हिस्सा नहीं आया था। ऐसे में महिला ने अंत में महिला ने सर्जरी का सहारा लिया और अपनी नाक को वापस पाया है।
महिला ऐसे पाई अपनी नाक
इवनिंग स्टैंडर्ड के अनुसार, महिला के लिए नकली नाक के हिस्से को उसके हाथ में उगाया गया और फिर सर्जरी कर उसके नाक को चेहरे पर फिट कर दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, कार्टिलेज को बदलने के लिए 3डी प्रिंटेड बायोमटेरियल से बनाया हुआ एक कस्टम नाक को तैयार किया गया है।
इसके लिए डॉक्टरों ने महिला के हाथ पर नाक को रखा और उसे दो महीने तक छोड़ दिया ताकि नाक उसके हाथ पर सही से उग जाए। इस दौरान उसकी नाक की पूरी निगरानी की गई और अंत में उसे हाथ से हटाकर चेहरे पर सेट कर दिया गया था।
पहली बार हुई है ऐसी सर्जरी
टूलूज़ यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल (सीएचयू) ने फेसबुक पर नाक की फोटो को शेयर किया है। ऐसे में मरीज पहले की तरह अपना नाक पाकर काफी खुश है और उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। इवनिंग स्टैंडर्ड के अनुसार, इसके लिए मरीज 10 दिन तक अस्पताल में भर्ती थी और उसे तीन हफ्ता के लिए एंटीबायोटिक दवाएं भी दी गई थी जिससे अब उसकी हालत ठीक है।
डॉक्टरों की टीम ने दावा किया है कि यह अपने आप में पहली तरह की एक सर्जरी है। उन्होंने यह भी कहा कि तकनीके के कारण आज असंभव चीजें भी संभव हो रही है।