नई दिल्ली: कपड़ों के प्रतिष्ठित ब्रांड फैबइंडिया (Fabindia) का दिवाली के मौके पर शुरू किया गया कैंपेन 'जश्न-ए-रिवाज' सोमवार को खटाई में पड़ गया। सोशल मीडिया पर विरोध और ट्रोलिंग के बाद आखिरकार फैबइंडिया को आखिरकार अपना ट्वीट हटाना पड़ा। कई यूजर्स ने कहा कि फैबइंडिया का कैंपेन हिंदू त्योहार को अलग रंग देने की कोशिश है।
Fabindia के किस ट्वीट पर मचा विवाद
फैबइंडिया ने एक सोशल मीडिया पर पोस्ट डाला था। इसमें कुछ मॉडल्स की तस्वीरें भी थी, जिन्हें दिवाली कलेक्शन कपड़े पहने हुए दिखाया गया था। इस पोस्ट के साथ लिखा था, 'जब हम प्रेम और रोशनी के त्योहार का स्वागत कर रहे हैं, फैबइंडिया द्वारा जश्न-ए-रिवाज एक ऐसा संग्रह है जो भारतीय संस्कृति की खूबसूरती दिखाता है'।
सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल होने के बाद दिवाली के लिए अपने नए कलेक्शन का प्रचार करने वाले इस ट्वीट को अब हटा दिया गया है।
फैबइंडिया के ट्वीट पर भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने लिखा, 'दीपावली जश्न-ए-रिवाज नहीं है। पारंपरिक हिंदू परिधानों के बिना मॉडल का चित्रण करने वाले ऐसे प्रयास को खत्म करना चाहिए और Fabindia जैसे ब्रांड को जानबूझकर किए गए ऐसे दुस्साहस के लिए आर्थिक तौर पर नुकसान उठाना पड़ेगा।'
सोशल मीडिया पर कई और ट्वीट भी फैबइंडिया के इस कैंपेन के विरोध में आए। यूजर्स ने आरोप लगाया कि लगता है फैबइंडिया ने जानबूझकर हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने के लिए ऐसा किया।
फैबइंडिया की शुरुआत 1960 में जॉन बिसेल ने की थी और इसका पहला रिटेल स्टोर नई दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में खोला गया था।