15 साल मध्य प्रदेश की सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस पार्टी होली के दिन प्रदेश में सियासी संकट का सामना कर रही है। कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी के प्राथमिकता सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में कांग्रेस के डेढ़ दर्जन विधायकों ने भी राज्यपाल को इस्तीफा भेज दिया है। इन इस्तीफों से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई है। पूर्व कांग्रेस सांसद अरुण यादव ने सिंधिया के इस्तीफे पर उनकी तुलना जयचंद और मीर जाफर से की है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपनाए गए चरित्र को लेकर मुझे ज़रा भी अफसोस नहीं है ।सिंधिया खानदान ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी जिस अंग्रेज हुकूमत और उनका साथ देने वाली विचारधारा की पंक्ति में खड़े होकर उनकी मदद की थी,— Arun Yadav 🇮🇳 (@MPArunYadav) March 10, 2020
मध्य प्रदेश प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने ट्वीट किया, "ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपनाए गए चरित्र को लेकर मुझे ज़रा भी अफसोस नहीं है। सिंधिया खानदान ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी जिस अंग्रेज हुकूमत और उनका साथ देने वाली विचारधारा की पंक्ति में खड़े होकर उनकी मदद की थी, आज ज्योतिरादित्य ने उसी घिनौनी विचारधारा के साथ एक बार पुनः खड़े होकर अपने पूर्वजों को सलामी दी है।"
आज ज्योतिरादित्य ने उसी घिनौनी विचारधारा के साथ एक बार पुनः खड़े होकर अपने पूर्वजों को सलामी दी है ।@ANI@PTI_News@ians_india@aajtak@ZeeNews@HindiNews18— Arun Yadav 🇮🇳 (@MPArunYadav) March 10, 2020
एक अन्य ट्वीट में अरुण यादव ने लिखा, आने वाला वक़्त अपने स्वार्थों के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं के 15 वर्षों तक किए गए ईमानदारी पूर्ण जमीनी संघर्ष के बाद पाई सत्ता को अपने निजी स्वार्थों के लिए झोंक देने वाले जयचंदों -मीर जाफरों को कड़ा सबक सिखाएगा।
ज्योतिरादित्य सिंधिया का पूरा लेटर यहां पढ़ें
"पिछले 18 साल से कांग्रेस का प्राथमिक सदस्य रहने के बाद अब आगे बढ़ने का समय है। मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना त्यागपत्र दे रहा हूं। और जैसा कि आपको अच्छी तरह पता है कि पिछले एक साल से यह मार्ग प्रशस्त किया गया है।' आज भी मैं अपने राज्य और देश के लोगों की रक्षा करने के अपने लक्ष्य और उद्देश्य पर अडिग हूं। मुझे लग रहा है कि ऐसा करने में इस पार्टी के साथ सक्षम नहीं हूं। मुझे और मेरे कार्यकर्ता नई शुरुआत की ओर देख रहे हैं।
पत्र के अंत में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिखा है, मैं पार्टी के सभी साथियों का शुक्रिया करना अदा करना चाहता हूं जिन्होंने मुझे राष्ट्र की सेवा करने का अवसर दिया।"
चार बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी पिता की तरह ही कम उम्र में राजनीति में आ गए थे। पिता के अचानक निधन के बाद 2002 में गुना सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा उप चुनाव लड़ा था। इसके बाद 2004, 2009 और 2014 में लगातार वह इस सीट से सांसद बने। मनमोहन सिंह सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय राज्यमंत्री रह चुके हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में उनके पुराने सहयोगी ने ही मात दी है।