CAA: बेटी सना की पोस्ट पर ध्यान नहीं देने के लिए सौरव गांगुली ने की अपील, यूजर बोला- उसे बंगाल का 150 साल का इतिहास पढ़ाइये
By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: December 19, 2019 09:08 IST2019-12-19T08:59:18+5:302019-12-19T09:08:58+5:30
सौरव गांगुली द्वारा अपील किए जाने पर शहला रासिद ने जवाब में लिखा, ''सर, आपको उसके ऊपर गर्व होना चाहिए जो उसने सही बात कही। ''युवा लड़कियों'' के पास भी बुजुर्ग लोगों के जितना राजनीतिक होने का अधिकार है।''

बेटी सना के साथ सौरव गांगुली की फाइल फोटो। (Image Source: Instagram/@sanaganguly)
भारत सरकार द्वारा लागू किए गए संशोधित नागरिकता कानून को लेकर देशभर के विश्वविद्यालयों में छात्रों द्वारा विरोध और प्रदर्शन हो रहे हैं। इसी बीच बीसीसीआई अध्यक्ष और पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली की बेटी सना गांगुली ने अपनी एक इंस्टा पोस्ट के जरिये भावनाओं की गुगली फेंकी है।
सना गांगुली ने लेखक खुशवंत सिंह की एक किताब में से एक अंश अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर पोस्ट किया, जिस पर लोगों की प्रतिक्रियाएं देख पिता सौरव गांगुली बैकफुट आकर डिफेंस करने लगे। सौरव गांगुली ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट कर सना को तमाम मौजूदा गरमागरम मुद्दों से दूर रखने की अपील की है। सौरव गांगुली ने कहा है कि सना अभी राजनीति में कुछ जानने के लिए बहुत छोटी हैं।
सौरव गांगुली ने ट्वीट में लिखा, ''कृपया सना को इन सभी मुद्दों से दूर रखें... यह पोस्ट सच नहीं है.. वह राजनीति में कुछ भी जानने के लिए बहुत छोटी लड़की है।''
Please keep Sana out of all this issues .. this post is not true .. she is too young a girl to know about anything in politics
— Sourav Ganguly (@SGanguly99) December 18, 2019
बता दें कि सना गांगुली ने अपनी इंस्टा पोस्ट में अंग्रेजी में जो लिथा था, उसमें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधा गया था। सना की पोस्ट का हिंदी में अनुवाद कुछ इस प्रकार है- ''हर फांसीवादी शासन को फलने-फूलने के लिए ऐसे समुदायों और समूहों की जरूरत होती है जिन्हें वह बुरा बता सके। यह एक या दो समूह के साथ शुरू होता है लेकिन यह कभी खत्म नहीं होता है। नफरत के लिए खड़ा किया गया आंदोलन केवल लगातर डर और कलह का माहौल बनाकर जिंदा रखा जा सकता है। हम से जो लोग आज सुरक्षित महसूस करते हैं क्योंकि हम मुस्लिम और ईसाई नहीं हैं जो बेवकूफ के स्वर्ग में रहते हैं।
संघ पहले से वामपंथी इतिहासकारों और पाश्चात्य शैली वाले युवाओं को निशाना बना रहा है। कल यह अपनी नफरत स्कर्ट पहनने वाली महिलाओं, मीट खाने वाले लोगों, शराब पीने वालों, विदेश फिल्में देखने वालों, मंदिरों में सालाना तीर्थ यात्राओं पर नहीं जाने वालों, दंत मंजन की जगह टूथपेस्ट इस्तेमाल करने वालों, वैद्य की जगह एलोपैथिक डॉक्टरों को तरजीह देने वालों, 'जय श्रीराम...' चिल्लाने की जगह चुंबन और हाथ मिलाकर स्वागत करने वालों पर दिखाएगा। कोई सुरक्षित नहीं है। हमें यह जरूर समझना चाहिए अगर हम भारत को जिंदा रखने की उम्मीद करते हैं।''
- खुशवंत सिंह की किताब 'द एंड ऑफ इंडिया (2003 में प्रकाशित) का एक अंश फिर से साझा कर रही हूं।
सौरव गांगुल द्वारा सना के बचाव में अपील किए जाने पर लोगों की भर-भरकर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग सना को सही बता रहे हैं और सौरव से कह रहे हैं कि उन्हें अपनी बेटी पर नाज होना चाहिए तो कुछ लोग आलोचना कर रहे हैं।
शहरा रासिद ने जवाब में लिखा, ''सर, आपको उसके ऊपर गर्व होना चाहिए जो उसने सही बात कही। ''युवा लड़कियों'' के पास भी बुजुर्ग लोगों के जितना राजनीतिक होने का अधिकार है।''
Sir, you should be proud of her for saying the right thing. "Young girls" have as much a right to be political as old people.
— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) December 18, 2019
डॉक्टर सनी नाम के यूजर ने लिखा, ''वह आपसे बेहतर देश और अपनी बेटी को जानते हैं।''
He knows better than you about country and her daughter..
— Dr. Sunny (@sunnynoons) December 18, 2019
वासिष्ठ नाम के यूजर ने लिखा, ''कृपया उसे बंगाल के पिछले 150 वर्षों का इतिहास पढ़ाएं। खासकर, 1946 के प्रत्यक्ष कार्रवाई दिवस और नोआखली दंगों के बारे में''
Plz teach her last 150 yr history of Bengal. In particular, 1946 direct action day and noakhali riots
— वासिष्ठ (@PoliPuran) December 18, 2019
प्रेरणा नाम की यूजर ने लिखा, ''वो आपसे कहीं समझदार है गांगुली साहब ! आपकी कुर्सी उसके कद से बहुत छोटी है!''
वो आपसे कहीं समझदार है गांगुली साहब ! आपकी कुर्सी उसके कद से बहुत छोटी है !
— प्रेरणा (@prena_) December 18, 2019
रोफ्ल रिपब्लिक नाम के यूजर ने लिखा, ''भारत का भविष्य सुरक्षित हाथों में है।''
India's future is in safe hands. pic.twitter.com/8LyJwwoSxB
— Rofl Republic (@i_theindian) December 18, 2019
