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हत्या के बाद पेट में पड़े बीज से उगा पेड़, 40 साल बाद ऐसे सामने आई हकीकत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 25, 2019 19:38 IST

हर्ग्यूनर की बहन मुनूर के मुताबिक, "हम जहां रहते थे वहां करीब चार हजार लोग थे जिनमें आधी आबादी ग्रीक और आधी आबादी तुर्की की थी। 1974 में तनाव शुरू हो गया था..

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ठळक मुद्देहर्ग्यूनर की बहन मुनूर ने अपने भाई को बहुत खोजा लेकिन वो नहीं मिला। सिर्फ एक पेड़ की वजह से पता चल सका कि हर्ग्यूनर अपनी जिंदगी के आखिरी वक्‍त कहां था।अगर धमाके की वजह से गुफा में छेद न होता तो शायद अभी भी हर्ग्यूनर की असली हकीकत उनकी बहन को न पता चलती।

बचपन में जब कोई धोखे में किसी ऐसे फल का बीज खा लेता था जिसको खाया नहीं जाता तो बच्चे चिढ़ाते थे कि अब पेट से यही पेड़ उगेगा। ऐसी ही एक घटना सामने आई है जिसमें 40 साल पहले मार दिए गए एक शख्स के पेट में अंजीर का एक बीज था, जिससे एक पेड़ बन गया। मिरर की खबर के मुताबिक, 1974 में अहमेट हर्ग्यूनर नाम के एक शख्स को ग्रीक और टर्किश संघर्ष के दौरान मार दिया गया था। कई सालों तक उसकी लाश नहीं मिली, लेकिन जिस जगह उसकी मौत हुई थी वहां एक पेड़ उग आया और जब छानबीन की गई तब उसकी मौत का रहस्‍य दुनिया के सामने आ पाया। 

दरअसल हर्ग्यूनर को गुफा के अंदर डाइनामाइट से उड़ा दिया गया था। उस दौरान गुफा में एक छेद बन गया। उसी छेद के जरिए सूरज की रोशनी उस अंधेरी गुफा में पहुंचने लगी और हर्ग्यूनर के पेट में पड़े अंजीर के बीज को हवा-धूप मिलने लगी जिससे वह फलने-फूलने गया। देखते-देखते पौधा एक बड़ा अंजीर का पेड़ बन गया।

साल 2011 में एक शोधकर्ता का ध्‍यान उस पेड़ पर गया। वह इस बात से हैरान था कि गुफा के अंदर से पेड़ कैसे निकल सकता है वो भी ऐसे इलाके में जहां आमतौर पर अंजीर के पेड़ पाए ही नहीं जाते। 

रिसर्च के दौरान पेड़ के आसपास खुदाई की गई। इस खुदाई में लाश के दबे होने की जानकारी सामने आई। पुलिस ने जब और खुदाई की तो कुल तीन लाशें मिली। जांच के दौरान पता चला कि अहमेट हर्ग्यूनर सहित तीन लोगों को डायनामाइट से उड़ाया गया था। धमाके की वजह से गुफा में छेद हो गया। कहा जा रहा है कि मरने से पहले हर्ग्यूनर ने अंजीर खाया होगा। 

हर्ग्यूनर की बहन मुनूर हर्ग्यूनर मुनूर का कहना है कि उन्‍होंने अपने भाई को बहुत खोजा लेकिन वो नहीं मिला। उन्‍होंने कहा, "हमारे ब्‍लड सैंपल और लाश के डीएनए मैच हो गया जिस वजह से हमें पता चल पाया कि हमारा भाई अपने आखिरी वक्‍त में कहां था। अंजीर के पेड़ की वजह से हमें हमारे भाई के बारे में पता चल पाया। 

आपको बता दें कि 1981 में उन दो हजार लोगों की खोज के लिए एक कमेटी का गठन किया था जो 1963 से 1974 के बीच गायब हो गए थे। कमेटी को लापता लोगों की लिस्‍ट बनाने के अलावा यह भी पता करना था कि उन लोगों के साथ आखिर हुआ क्‍या? 

लापता लोगों का पता लगाने के लिए 1 हजार 222 बार खुदाई अभियान चलाए गए, लेकिन सिर्फ 26 फीसदी मामलों में ही अवशेष मिल पाए। शोधकर्ताओं की टीम पिछले 12 सालों में अहमेट हर्ग्यूनर समेत 890 लोगों के अवशेष बरामद कर पाई है। बहरहाल अहमेट हर्ग्यूनर की कहानी वाकई हैरान कर देने वाली है, जहां एक मृत शरीर ने पेड़ के रूप में जीवन लिया।

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